नई दिल्ली, 23 मई (हि.स.)। रूस-यूक्रेन जंग के बीच घरेलू रेटिंग एजेंसी इंक्रा ने वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि (जनवरी-मार्च) चौथी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि तीसरी तिमाही में यह 5.4 फीसदी रही थी।
रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में देश का जीडीपी ग्रोथ घटकर 3.5 फीसदी रहेगा। इंक्रा रेटिंग्स ने जनवरी-मार्च, 2022 तिमाही के लिए जारी आर्थिक वृद्धि दर अनुमान में बताया कि जिंसों के दाम बढ़ने से मार्जिन का असर, गेहूं की पैदावार में गिरावट और तुलनात्मक आधार ऊंचा होने की वजह से चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 3.5 फीसदी रह सकती है।
इंक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही का समय चुनौतीपूर्ण था। इस दौरान कोरोना की तीसरी लहर आने से जिंसों के दाम अधिक होने से मार्जिन भी कम हुआ। हालांकि, उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती से कारोबारी धारणा में सुधार होगा और उपभोक्ताओं की खर्च-योग्य आय बढ़ेगी। इसके साथ ही नायर ने कहा कि उपभोक्ता-मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति में भी गिरावट आएगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही के आंकड़े 31 मई, 2022 को जारी करेगा।