Arrested : सरपंच की हत्या में शामिल तीन संदिग्ध आतंकी सहयोगियों के साथ गिरफ्तार

बड़गाम, 23 मई (हि.स.)। बारामूला जिले के पट्टन में एक महीने पहले सरपंच की हत्या में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के तीनों आतंकियों को उनके सहयोगी के साथ बड़गाम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।

सरपंच की हत्या की जांच कर रहे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि 15 अप्रैल को आतंकवादियों ने गोशबुग के सरपंच मंजूर अहमद बंगरू की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही पुलिस इनकी तलाश कर रही थी। जांच के दौरान आतंकी गतिविधियों में शामिल तीन संदिग्धों के बारे में सूचना मिली। इस पर गोशबुग पट्टन के रहने वाले तीनों संदिग्धों नूर मोहम्मद यातू, मोहम्मद रफीक और आशिक हुसैन परे को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ के दौरान तीनों ने बताया कि वे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य मोहम्मद अफजल लोन के संपर्क में थे। लोन ने ही नूर मोहम्मद यातू को अपने क्षेत्र के दो लोगों को आतंकी रैंकों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया था। उन्होंने बताया कि मोहम्मद रफीक पारे और आशिक हुसैन पारे से संपर्क किया और उन्हें लश्कर में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

अधिकारी ने बताया कि संगठन में शामिल होने के बाद यातू ने दोनों को अपने साले गुंड जहांगीर हाजिन बांडीपोरा निवासी मेहराज-उद-दीन डार के साथ मोहम्मद अफजल लोन से मिलने के लिए कहा। तीनों लोन से मिले और उसी दौरान उन्हें टारगेट किलिंग का काम सौंपा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों को अलग-अलग कार्य दिए गए। कुछ दिनों के बाद लोन ने रफीक परे और आशिक पारे के लिए मेहराजुद्दीन डार के माध्यम से यातू को हथियार और गोला-बारूद (दो पिस्तौल, दो हथगोले और दो मैगजीन) भेजे। उन्हें क्षेत्र में रहने वाले राजनीतिज्ञों, विशेष रूप से पट्टन क्षेत्र के सरपंचों को मारने के निर्देश दिए गए थे।

पुलिस ने लोन व उसके अन्य तीन सहयोगियों को पल्हालन ग्रेनेड विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया था। लोन की गिरफ्तारी की वजह से योजना को अमल में लाने में देरी हुई। इसी बीच दो स्थानीय आतंकी उमर लोन और गुलज़ार गनी तीनों के पास पहुंचे और उनसे योजना के बारे में पूछा। इन दोनों ने हाल ही में हथियारों और गोला-बारूद का प्रशिक्षण लेने के बाद पाकिस्तान से घुसपैठ की थी। दोनों को सरपंचों की हत्या करने का काम सौंपा गया।

इस दौरान उन्होंने सरपंच मंजूर अहमद बंगरू की रेकी की और उसकी हत्या के लिए एक विशेष तिथि निर्धारित की। उस दिन आशिक ने फेसबुक मैसेंजर के जरिए आतंकवादी उमर लोन से बात की और उसे योजना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद आतंकवादियों ने 15 अप्रैल को चंद्रहामा पट्टन में सरपंच की हत्या कर दी। आगे की पूछताछ में यातू ने खुलासा किया कि उसने ही उमर लोन को हथियार दिए थे। उसके पास अभी भी कई हथियार हैं। यह सारा सामान उसी के घर में सीलबंद बॉक्स में हैं। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और उन हथियारों को जब्त कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 3 पिस्तौल, 2 ग्रेनेड, 3 मैगजीन और 32 गोलियां बरामद की गई हैं।

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