वाशिंगटन, 23 मई (हि.स.)। दुनिया भर में मंकीपॉक्स फैलने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के कोरोना जैसी महामारी का रूप लेने जैसा खतरा नहीं है, फिर भी चिंता की बात तो है ही।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 12 देशों के 92 लोगों में मंकीपॉक्स वायरस मिलने की पुष्टि की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स पर गंभीर नियंत्रण न किया गया तो यह संक्रमण वैश्विक स्तर पर फैलकर बड़े संकट का कारण बन सकता है। इस मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि उन्हें मंकीपॉक्स को लेकर वे चिंतित हैं किन्तु इसे रोकने के लिए फिलहाल सख्त उपायों की जरूरत नहीं है। उन्हें नहीं लगता कि मंकीपाक्स वायरस उस स्तर तक बढ़ सकता है, जिस स्तर तक कोरोना महामारी थी।
अमेरिका में भी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि हो चुकी है। अमेरिका के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, इटली और स्वीडन में मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित लोगों की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि अभी तक इससे किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में प्रसारित होने वाला वायरस है, जिसमें चेचक के रोगियों में दिखने वाले लक्षणों के समान लक्षण होते हैं। जिन लोगों को मंकीपॉक्स होता है उनमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट और हाथों और चेहरे पर चेचक जैसे दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि चेचक का टीका इस वायरस को खत्म करने में 85 फीसदी तक प्रभावी माना गया है।