न्यूयॉर्क, 19 मई (हि.स.)। पिछले दो वर्षों से कोरोना संकट से जूझ रही दुनिया अब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण संकट में फंस गयी है। संयुक्त राष्ट्र संघ के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग का विश्लेषण बताता है कि इस युद्ध ने कोरोना संकट से उबरने की राह कठिन कर दी है। इस कारण दुनिया की आर्थिक प्रगति भी सुस्त हुई है।
विश्लेषण के मुताबिक हिंसक संघर्ष ने कोविड-19 महामारी से आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। यूरोप में तो न सिर्फ मानवीय संकट उत्पन्न हुआ है, बल्कि खाद्य पदार्थों व अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं, जिस कारण मुद्रास्फीति संबंधी दबाव भी बढ़ रहे हैं। दावा किया गया है कि इस वर्ष वैश्विक मुद्रास्फीति के भी 6.7 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच जाने की संभावना है, जो 2010 से 2020 तक औसत 2.9 प्रतिशत के दोगुने से अधिक है। इस विश्लेषण में अमेरिका, चीन व यूरोपीय संघ समेत विकसित व विकासशील जगत की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं के लिए आर्थिक प्रगति में गिरावट का अनुमान व्यक्त किया गया है।
इस संंबंध में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध, अपने सभी आयामों में एक ऐसे संकट को हवा दे रहा है, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार तबाह हो रहे हैं। इस कारण वित्तीय प्रणालियों में व्यवधान आ रहा है और विकासशील जगत के लिए चरम निर्बलताएं और भी गहरी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि खुले बाज़ारों में भोजन व ऊर्जा का स्थिर प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए निर्यात पाबंदियों को हटाने, अतिरिक्त व बचाए गए हिस्सों को जरूरतमंदों को आवंटित करने और बाजार में आई उथल-पुथल को शांत करने के लिए खाद्य पदार्थों की कीमतों में आए उछाल से निपटने जैसे प्रयास करने होंगे।