सुरक्षा बलों ने कड़ाके की ठंड के बावजूद सीमाओं पर पहरा बढ़ाया
– बर्फ पिघलने के साथ पारंपरिक घुसपैठ मार्गों पर चौकसी बढ़ाई गई
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। पाकिस्तान के साथ सीज फायर के बावजूद पीओजेके से लगे सरहदी इलाकों से आतंकियों की घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है। तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान की सीमा पर भेजे गए करीब 80 आतंकी पीओजेके के लांचिंग पैड्स पर लौट आये हैं। इसके अलावा करीब 300 आतंकी विभिन्न मार्गों का उपयोग करके लॉन्च पैड्स पर पहुंचे हैं, जो बर्फ पिघलने और रास्ते साफ होने का इन्तजार कर रहे हैं। नियंत्रण रेखा पर तैनात सुरक्षा बलों ने कड़ाके की ठंड के बावजूद पहरा बढ़ा दिया है। ऊंचे इलाकों में बर्फ पिघलने के साथ पारंपरिक घुसपैठ मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
खुफिया जानकारी मिली है कि अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं के जाने के बाद वहां से पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हथियारों के साथ कश्मीर घाटी में वापस आना शुरू हो गया है। इन आतंकियों के पास विदेशी हथियार देखे जा रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद पाकिस्तान ने पाक-अफगान सीमा पर भाड़े के आतंकी मोर्चा संभालने के लिए भेजे गए थे। अब इनके लौटने से कश्मीर घाटी में आतंकियों की हलचल बढ़ गई है और नई चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सुरक्षा बल मुस्तैद हैं। इस बीच पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) सेना और बीएसएफ कर्मियों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकती है।
पाकिस्तान की सीमा से लगी पहाड़ियों पर जमी बर्फ के पिघलने के साथ हर साल सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज होती हैं। खुफिया इनपुट मिला है कि सीमा पार से कश्मीर घाटी पार करने के लिए 300 से अधिक आतंकवादी विभिन्न आतंकी लॉन्च पैड पर पहाड़ियों की बर्फ पिघलने का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) के दुधनियाल, अठमुक्कम, लोसार, तेजिन आदि लॉन्च पैड पर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, अल बदर जैसे संगठनों के करीब 300 आतंकवादी मौजूद हैं।भारतीय सुरक्षा बल कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरों का एक विस्तृत नेटवर्क स्थापित कर रहे हैं। इसमें चेहरे की पहचान क्षमताओं वाले 1,100 कैमरे और लाइव पुलिस निगरानी के लिए केंद्रीकृत कमांड सेंटर शामिल होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि अफगान से लौटे भाड़े के करीब 60-80 आतंकवादी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार लॉन्च पैड पर पुनः सक्रिय प्रशिक्षित हो रहे हैं। खुफिया इनपुट के अनुसार यह आतंकवादी अफगान युद्ध से लौटे हैं जो ज्यादातर पाकिस्तानी भाड़े के सैनिक हैं। भारतीय सेना के साथ फरवरी, 2019 में शुरू हुए सीज फायर के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी कुछ हफ्तों के लिए लॉन्च पैड से दूर हो गए थे लेकिन पिछले साल अगस्त से एलओसी के पार लॉन्च पैड्स पुन: सक्रिय हो गए हैं। भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर रणनीतिक बढ़त बनाए हुए है और सभी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड और निगरानी को और मजबूत किया गया है। पीओके से लगे सरहदी इलाके बारामुला इलाके में अग्रिम पोस्ट पर पहरा बढ़ा दिया गया है।