नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वो एक हफ्ते में अधिसूचना जारी करे। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण देते समय 50 फीसदी की सीमा का पालन हो।
पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए राज्य सरकार की तरफ से गठित आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय अध्ययन किया जा चुका है। 10 मई को कोर्ट ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता है। फिलहाल सिर्फ एससी-एसटी आरक्षण रहेगा।
याचिकाकर्ता सैयद जाफर और जया ठाकुर की तरफ से एडवोकेट वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि संविधान के मुताबिक मध्य प्रदेश में तत्काल पंचायत एवं नगर पालिका चुनाव की घोषणा हो। संविधान के मुताबिक राज्य की पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व देते हुए पंचायत एवं नगर पालिका चुनाव में आरक्षण दिया जाए।
मध्य प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी। रिपोर्ट में आयोग ने दावा किया था कि मध्य प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं। आयोग ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा की है।