नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतरराज्य स्तर ड्रग्स तस्करी करने वाले एक शातिर युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपित राजेश गुप्ता उर्फ फौजी के पास से पांच किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 20 करोड़ रुपये बताई गई है। यह हेरोइन वह मणिपुर से लाकर उसे अलग-अलग इलाकों में बेचता था। आरोपित के पास से तस्करी में इस्तेमाल किए जाने वाला मोबाइल भी बरामद किया गया है।
डीसीपी राजीव रंजन ने बुधवार को बताया कि ड्रग्स तस्करी को लेकर स्पेशल सेल की टीम काम कर रही थी। उन्हें पता चला कि एक गैंग दिल्ली एनसीआर और यूपी में हेरोइन खपा रहा है। वह मणिपुर से हेरोइन लाकर उसे दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करता है।
लगभग तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें पता चला कि लहासा, थाईलैंड और म्यांमार के गोल्डन ट्रायंगल इलाके से यह ड्रग्स मणिपुर भेजी जा रही है। हाल ही में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप सिंह को सूचना मिली कि इस तस्करी में शामिल राजेश गुप्ता यूपी के कुशीनगर का रहने वाला है। वह बरेली निवासी शिवम और पंकज के इशारे पर ड्रग्स सप्लाई करता है।
पुलिस को पता चला कि वह डीडीयू मार्ग पर दोपहर के समय विशाल नामक युवक को हेरोइन देने आने वाला है। इस जानकारी पर पुलिस टीम ने छापा मारकर राजेश गुप्ता को पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास से पांच किलो हेरोइन मिली। इसे लेकर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपित राजेश गुप्ता ने पुलिस को बताया कि वह बीते पांच साल से हेरोइन की तस्करी में लिप्त है। वह भारतीय सेना के नागा रेजीमेंट में रह सिपाही चुका है। आर्थिक गड़बड़ी के चलते उसे कोर्ट मार्शल कर बाहर निकाल दिया गया था। उसे कोहिमा की जेल में भी रखा गया था। वहां पर उसकी मुलाकात सुशील से हुई जो ड्रग्स तस्करी करता था। वह मणिपुर के रहने वाले युवक से ड्रग्स लेकर शिवम, पंकज और सुशील को देता था। वह पुलिस से बचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता था।
गिरफ्तार किया गया आरोपित राजेश गुप्ता यूपी के कुशीनगर का रहने वाला है। वह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है। उसके परिवार में पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं। वर्ष 1994 में वह भारतीय सेना में सिपाही बना था। 12 साल तक नौकरी करने के बाद 2006 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। आरोपित द्वारा जिन तस्करों की जानकारी सांझा की गई है, पुलिस टीम उनकी तलाश में दबिश दे रही है।