इस्लामाबाद, 18 मई (हि.स.)। लगातार आतंकी हिंसा झेल रहे पाकिस्तान ने पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ वार्ता कर 30 मई तक संघर्ष विराम पर सहमति में सफलता पाई है। तालिबान ने भी पाकिस्तान के सामने अपने गिरफ्तार नेताओं को छोड़ने और आम माफी की शर्त रखी है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने कहा कि पूर्व आईएसआई प्रमुख और वर्तमान पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के नेतृत्व में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने संघर्ष विराम को 30 मई तक बढ़ाने पर सहमति जताई। पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधिमंडल में मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारी शामिल थे।संघर्षग्रस्त अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली जिलों में आतंकी घटनाओं में वृद्धि के बीच आतंकी संगठन ने महसूद जनजाति और मलकंद आदिवासी जिरगाओं के साथ भी शांति समझौते पर पहुंचने के लिए बातचीत की। जनरल हमीद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने खूंखार हक्कानी नेटवर्क के आश्वासन पर टीटीपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ सीधी बातचीत की।
सैन्य नेतृत्व के साथ अपनी बैठक में तालिबान ने युद्धविराम के बदले में कई मांगें रखीं। तालिबान की मांगों में उनके कमांडरों की रिहाई शामिल है, जिसमें मध्यम स्तर के कमांडरों को आजीवन कारावास और मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान से वापस लाए गए आतंकवादियों को वित्तीय सहायता और तालिबान लड़ाकों के परिवारों के लिए एक सामान्य माफी भी शामिल है। पाकिस्तानी सेना ने तालिबान से सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने, युद्धविराम को बढ़ाने और पाकिस्तान- अफगानिस्तान सीमा पर बाड़ लगाने का काम जारी रखने के लिए कहा।