नई दिल्ली, 18 मई (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जैव ईंधन से जुड़ी 2018 की राष्ट्रीय नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। इसमें विशेष मामलों में जैव ईंधन के निर्यात, एनबीसीसी में नए सदस्यों को जोड़ने और पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण लक्ष्य को 5 साल पहले ही प्राप्त करने से जुड़े संशोधन हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 में संशोधन को मंजूरी दी।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति में स्वीकृत मुख्य संशोधनों में जैव-ईंधन के उत्पादन के लिये अधिक फीडस्टॉक्स को मंजूरी देना। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण (20 प्रतिशत इथेनॉल, 80 प्रतिशत पेट्रोल) से जुड़े लक्ष्य को 2025-26 में ही प्राप्त करना। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक जोन और निर्यात से जुड़ी इकाइयों में में जैव-ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहन देना। एनबीसीसी में नये सदस्यों को जोड़ना। विशेष मामलों में जैव-ईंधन के निर्यात की अनुमति देना शामिल है।
इसके अलावा राष्ट्रीय जैव-ईंधन समन्वय समिति की बैठकों के दौरान तय निर्णयों के अनुपालन से जुडे विषयों में नीति में बदलाव करना शामिल है।
इस प्रस्ताव ने स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिये आकर्षण और समर्थन बढ़ेगा, जिससे मेक इन इंडिया अभियान का मार्ग प्रशस्त होगा और अधिक रोजगार पैदा होंगे।
सरकार के अनुसार मौजूदा राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति 2018 के दौरान अस्तित्व में आई थी। इस प्रस्तावित संशोधन से मेक इन इंडिया अभियान का मार्ग प्रशस्त होगा तथा जैव-ईंधन के अधिक से अधिक उत्पादन के जरिये पेट्रोलियम उत्पादों के आयात में कटौती संभव होगी। जैव-ईंधन के लिये कई सारे फीडस्टॉक्स को मंजूरी दी जा रही है। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन मिलेगा तथा 2047 तक भारत के “ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र” होने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना को गति मिलेगी।