वाशिंगटन, 17 मई (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार आयोग ने ग्रीन कार्ड या स्थायी निवास संबंधी सभी आवेदनों का निपटारा छह महीने के भीतर करने की सिफारिश की है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो तो ग्रीन कार्ड का दशकों से इंतजार कर रहे हजारों भारतीयों के लिए बड़ी खुशखबरी होगी। ग्रीन कार्डधारकों को अमेरिका में स्थायी निवास का अधिकार मिल जाएगा।
अभी नई इमिग्रेशन प्रणाली से ऐसे आईटी पेशेवर भारतीयों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जो एच-1बी वर्क वीजा पर नौकरी करने के लिए अमेरिका जाते हैं। अमेरिका ने नई इमिग्रेशन प्रणाली में हर देश के लिए सात प्रतिशत कोटा तय किया है। इससे भारतीयों को ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
प्रेसिडेंट्स एडवाइजरी कमीशन ऑन एशियन अमेरिकंस, नेटिव हवाइयंस एंड पैसिफिक आइलैंडर (पीएसीएएएनएचपीआई) के सुझावों को स्वीकृति के लिए व्हाइट हाउस भेजा गया है। पीएसीएएएनएचपीआई की बैठक में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता अजय जैन भूतोड़िया ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव को सभी 25 आयुक्तों ने आमराय से पारित कर दिया है। वाशिंगटन में आयोजित इस बैठक का पिछले हफ्ते सीधा प्रसारण किया गया था।
ग्रीन कार्ड के लंबित आवेदनों की संख्या घटाने के लिए आयोग ने यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) को अपनी प्रक्रिया, प्रणाली और नीति की समीक्षा करने की सलाह दी थी। आयोग ने प्रक्रिया को व्यवस्थित कर उसे नई रूपरेखा देने, अनावश्यक प्रक्रिया को समाप्त करने, किसी भी अनुमोदन को स्वचालित बनाने और प्रणाली में सुधार लाने की भी सिफारिश की है। इसका उद्देश्य परिवार आधारित ग्रीन कार्ड आवेदन डेफर्ड एक्शन फार चाइल्डहुड अराइवल (डीएसीए) नीति का नवीनीकरण, अन्य सभी ग्रीन कार्ड आवेदनों पर गौर करने की प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाना और आवेदन मिलने के छह महीने के भीतर उसका निपटारा करना है।
भूतोड़िया के बैठक में प्रस्तुत दस्तावेजों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021 के लिए उपलब्ध 2.26 लाख ग्रीन कार्ड में से परिवार आधारित सिर्फ 65,452 ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे। अप्रैल 2022 में इस संबंध में 4,21,358 लोगों का साक्षात्कार लंबित था। मार्च में यह संख्या 4,36,700 थी।