गुवाहाटी, 17 मई (हि.स.)। समग्र लमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड के 50 से अधिक स्थानों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन ने शनिवार से देश के बाकी हिस्सों के साथ त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और दक्षिण असम जैसे पहाड़ी राज्यों के रेल सम्पर्क को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। न्यू हाफलांग और डिटेकछोरा में सभी बाधाओं को पार कर फंसे हुए लगभग 2400 रेल यात्रियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बचाया गया। इस अपेक्षापूर्ण और चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में जिला अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, असम राइफल्स और भारतीय वायु सेना के सहयोग ने काफी मदद की। बहु-एजेंसी सहयोग के कारण मानव जाति को प्रकृति मां के प्रकोप से बचाया जा सका।
पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने मंगलवार को बताया कि निकासी प्रक्रिया समाप्त होने के साथ अब पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) पूरे खंड में तेजी से मरम्मत कार्य के लिए लक्ष्य निर्धारित कर रही है। इस संबंध में पूसीरे के अधिकारी विभिन्न संगठनों के संपर्क में हैं लेकिन लगातार खराब मौसम के साथ-साथ दुर्गम क्षेत्र होने के कारण मरम्मत कार्य प्रभावित हो रहा है। जलस्तर घटने के बाद ही नुकसान का सही आकलन किया जा सकता है। मरम्मत कार्य के लिए भारी मात्रा में सामग्री, जनशक्ति और मशीनों की आवश्यकता होगी। भूस्खलन के कारण सड़क को रेलवे लाइन से जोड़ने वाले मार्ग पर बार-बार दरार आने के कारण भारी मशीनरी और सामग्री का आना-जाना काफी कठिन है।
हालांकि, पूसीरे दूर-दराज के क्षेत्रों सहित विभिन्न स्रोतों से सामग्री की व्यवस्था कर मरम्मत कार्य में तेजी लाने का प्रयास कर रही है। मौसम के अनुकूल होने के बाद मरम्मत कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। करीब 12 प्रभावित स्थानों पर मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है।