नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मुंडका अग्निकांड में गिरफ्तार बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा औऱ फैक्टरी के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट उदिता जैन गर्ग ने तीनों को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर गुलशन नागपाल ने कहा कि इस घटना में 27 शव बरामद किए गए, जिसमें आठ शवों की पहचान हो सकी है। बाकी शवों के डीएनए से उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है। नागपाल ने कोर्ट से कहा कि शवों की पहचान के लिए उन्हें फैक्टरी में काम करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट चाहिए। ये लिस्ट हरीश गोयल और वरुण गोयल के कब्जे में है। कई कर्मचारी दूसरे राज्यों के हैं। नागपाल ने कहा कि हरीश और वरुण गोयल के पिता की भी दम घुटने से मौत हो गई थी। उनके शव की पहचान के लिए गोयल बंधुओं का ब्लड सैंपल लेने के लिए हिरासत जरूरी है। उसके बाद कोर्ट ने तीनों को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
मनीष लाकड़ा को 15 मई को घेवरा मोड़ से गिरफ्तार किया गया था। वह हरिद्वार भागने की फिराक में था। वह हादसे वाली बिल्डिंग की छत पर दो बेड रूम वाले सेट में परिवार के साथ रह रहा था। हादसे के बाद मनीष लाकड़ा अपने परिवार समेत दिल्ली से भागकर हरियाणा चला गया था। पकड़े जाने की डर से उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। बाद में उसने फोन को तोड़ दिया ताकि उसका किसी को सुराग नहीं मिल सके।
मुंडका की जिस इमारत में 13 मई को आग लगी थी उसकी दूसरी मंजिल पर एक मीटिंग चल रही थी। उसी दौरान आग लगने से कई लोग इसमें फंस गए। बिल्डिंग में कोई आपातकालीन निकास द्वार न होने से 27 लोगों की मौत हुई है। पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में मनीष लाकड़ा, उसकी मां और पत्नी के अलावा किराये पर लेने वाले दोनों भाइयों हरीश और वरुण गोयल को आरोपित बनाया गया है। एफआईआर के मुताबिक गोयल बंधुओं ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा था।