चंडीगढ़, 17 मई (हि.स.)। पंजाब के किसानों ने प्रदेश सरकार पर अपनी मांगों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसान संगठन मंगलवार को चंडीगढ़ सीमा पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। किसान इस समय पंजाब की सीमा में बैठे हैं। किसानों ने सरकार को बुधवार तक का समय दिया है। इसके बाद वह चंडीगढ़ के लिए कूच करेंगे।
पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि बलदेव सिंह सिरसा, जगजीत सिंह डल्लेवाल, हरिंदर सिंह लक्खोवाल व कई अन्य नेताओं ने बताया कि उनकी पिछले महीने मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई थी। जिस बैठक में मांगों पर सहमति के बावजूद सरकार उन्हें लागू करने से पीछे हट गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने धान की रोपाई को लेकर शेडयूल जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को बीस मई की बजाय दस जून से धान की रोपाई की मंजूरी दी जाए।
किसान संगठन प्रदेश भर में चिप वाले मीटर लगाने का फैसला वापस लेने, गेहूं पर प्रदेश सरकार की तरफ से 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने, बासमती चावल का एमएसपी 4500 रुपये प्रति क्विंटल तय करने, सहकारी बैंकों द्वारा 22 हजार किसानों के खिलाफ चलाए जा रहे केस वापस लेने, मूंग व मक्का की एमएसपी की अधिसूचना जारी करने तथा बीबीएमबी में पंजाब की सदस्यता को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। पंजाब सरकार किसी भी मांग को लेकर गंभीर नहीं है।
पंजाब भर से मोहाली पहुंचे हजारों किसानों ने आज दिनभर मोहाली में शक्ति प्रदर्शन करके चंडीगढ़ की तरफ कूच किया। मोहाली पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया लेकिन किसानों ने पंजाब पुलिस द्वारा लगाया पहला बैरीकेड तोड़ते हुए चंडीगढ़ की तरफ कूच किया। इसके चलते पुलिस के साथ काफी देर तक धक्का-मुक्की भी हुई। भारी हंगामे के बाद पंजाब भर से आए हुए किसान मोहाली-चंडीगढ़ बार्डर पर पंजाब की सीमा में धरने पर बैठ गए। किसानों ने ऐलान किया है कि अगर बुधवार की सुबह तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया तो वह सीएम आवास की तरफ कूच करेंगे।