शिमला, 17 मई (हि.स.)। बहुचर्चित हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले को गंभीर मानते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया है। जयराम ठाकुर ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रश्न पत्र लीक की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निष्पक्ष व पारदर्शी जांच करवाने के लिए राज्य सरकार ने इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए अपने स्तर से एसआईटी का गठन किया है, जो इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है और अब तक 73 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने एसआईटी की पीठ थपथपाते हुए कहा कि प्रश्नपत्र लीक मामले में एसआईटी ने बेहतरीन काम किया है। एसआईटी की टीम ने इस पूरे प्रकरण के दो मास्टर माइंड अभियुक्तों को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बिहार से गिरफ्तार किया गया है। वाराणसी से शिव बहादुर और बिहार से अमन नामक अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। ये दोनों प्रश्नपत्र लीक प्रकरण के मास्टरमाइंडों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त 10 अभियुक्तों की गिरफ्तारी बाहरी राज्यों से हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी ने एजेंटों के माध्यम से 8.49 लाख रूपये की नकदी जब्त किया है। साथ ही 15 मोबाइल, एक लैपटाप, एक कार और दसवीं के कुछ मूल प्रमाण पत्र भी कब्जे में लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने प्रश्नपत्र लीक मामले में भले ही बेहतरीन कार्य किया है, लेकिन निष्पक्ष व पारदर्शी जांच व मामले के तार बाहरी राज्यों से जुड़े होने की वजह से इसे सीबीआई के सुपूर्द करना जरूरी है। हालांकि उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया शुरू होने तक एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक मामले में उनकी सरकार ने गंभीरता से लिया और मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज कर दी गई। इसके बाद लिखित परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया और मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा की नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी।
गौरतलब है कि पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 27 मार्च 2022 को हुई थी। करीब 75 हजार अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था।