नई दिल्ली, 16 मई (हि.स.)। दिल्ली हिंसा के आरोपित शरजील इमाम ने दिल्ली हाई कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर अंतरिम जमानत की मांग की है। एक याचिका की सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच जबकि दूसरे याचिका की सुनवाई जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की सिंगल बेंच करेगी। दोनों याचिकाओं पर 17 मई (मंगलवार) को सुनवाई होगी।
याचिका में राजद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को आधार बनाया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामलों में केस दर्ज नहीं करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्र सरकार जब तक राजद्रोह के मामले पर जब तक दोबारा विचार करेगी तब तक इस मामले में कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजद्रोह के मामले में जो आरोपी हैं वे अदालतों में याचिका दायर कर जमानत की मांग कर सकते हैं।
शरजील इमाम ने दो अलग-अलग एफआईआर के मामले में अंतरिम जमानत की मांग की है। एक एफआईआर जामिया यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर है जबकि दूसरी अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में दिए गए भाषण को लेकर है। एफआईआर में शरजील इमाम पर आरोप लगाया गया था कि उसने भड़काऊ भाषण दिए थे।
उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया। यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था।