NATO : नाटो को भरोसा, फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता पर तुर्की अड़ंगा नहीं लगाएगा

बर्लिन/स्टाकहोम, 16 मई (हि.स.)। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो और अमेरिका ने रविवार को भरोसा जताया कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन में फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता पर तुर्की अड़ंगा नहीं लगाएगा। दोनों ने कहा है कि नार्डिक राज्यों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के जवाब में शामिल होने के लिए दृढ़ कदम उठाए हैं। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो ने पुष्टि की है कि उनका देश नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन करेगा।

स्वीडिश प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडर्सन ने कहा है कि वह नाटो के आवेदन के लिए समर्थन का आश्वासन देने के लिए सोमवार को संसद में जाएंगी। स्वीडन की विदेश मंत्री एन लिंडे ने ट्वीट किया है कि आज स्वीडिश सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने नाटो रक्षा गठबंधन में सदस्यता के लिए आवेदन करने के लिए हां कहने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।

बर्लिन में रविवार को विदेश मंत्रियों की बैठक में तुर्की ने कहा कि वह चाहता है कि नार्डिक देश अपने क्षेत्र में मौजूद कुर्द आतंकवादी समूहों के लिए समर्थन बंद करें। तुर्की को हथियारों की कुछ बिक्री पर प्रतिबंध हटा दें। नाटो महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि विश्वास है कि हम तुर्की की चिंता को इस तरह से दूर करने में सक्षम होंगे, जिससे सदस्यता में देरी न हो।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि हम आम सहमति पर पहुंचेंगे। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा है कि बर्लिन में स्वीडिश और फिनिश समकक्षों के साथ बातचीत मददगार रही है। दोनों देशों ने अंकारा की चिंताओं का जवाब देने के लिए सुझाव दिए। इस पर तुर्की विचार करेगा।

उल्लेखनीय है कि फिनलैंड और स्वीडन को भी रूस धमका चुका है। वह कह चुका है कि अगर दोनों नाटो के सदस्य बनते हैं तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें। यही नहीं रूस ने नाटो में दिलचस्पी और अमेरिका से निकटता की वजह से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया था

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