नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास शुक्रवार एक इमारत में लगी भीषण आग की घटना में जिन 19 शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उनके लिए डीएनए जांच का सैंपल लिया जा रहे है। अब बुरी तरह से जले शवों की पहचान डीएनए की जांच से की जाएगी। दरअसल परिजन इन शवों के आधार पर अपनों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण डीएनए जांच की व्यवस्था की गई है। यह जानकारी डीसीपी समीर शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि डीएनए जांच से शवों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
एफएसएल ने लिए डीएनए सैंपल
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की निदेशक दीपा वर्मा ने कहा कि जले हुए शवों के अवशेष के जरिये डीएनए जांच की जाएगी। मृतक की पहचान के लिए यह फोरेंसिक डीएनए जांच की जाएगी। चूंकि मौके से कुल 27 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से अबतक मात्र 8 शवों की पहचान हो पाई है।
ऐसे में 19 शवों की पहचान करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए परिजनों के डीएनए से इन शवों के डीएनए को मैच करा कर शवो की पहचान की कोशिश की जा रही है।
फॉरेंसिक की दो टीमें पहुंची घटनास्थल
जांच में दिल्ली पुलिस की सहायता के लिए फोरेंसिक की दो टीमें घटनास्थल पर पहुंची। शवों की पहचान के लिए फोरेंसिक टीमें डीएनए जांच के लिए सैंपल एकत्र कर रही हैं। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की निदेशक दीपा वर्मा ने कहा कि वरिष्ठ विशेषज्ञों सहित हमारी दो टीमें वर्तमान में मौके पर काम कर रही हैं। वे वस्तुओं की पहचान करेंगे और पहचान के उद्देश्य के लिए नमूने उठाएंगे और एफएसएल के विशेषज्ञ मौके से नमूने की पहचान करने और उन्हें उठाने में पुलिस की सहायता करेंगे, जिसे बाद में जांच अधिकारी को सौंप दिया जाएगा।
रविवार को भी अस्पताल में दिनभर किया इंतजार
मुंडका अग्निकांड के अब तक लापता पीड़ितों के परेशान परिजन रविवार को भी संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के बाहर अपने प्रियजनों का इंतजार करते रहे क्योंकि 19 शवों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। उन्हें उम्मीद थी कि जांच में जुटी पुलिस की तरफ से उनके लापता परिजनों के बारे में जानकारी मुहैया कराई जाएगी, लेकिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण उन्हें रविवार को भी मायूस होना पड़ा। इस चार मंजिला इमारत में शुक्रवार को आग गई थी, जिसमें 21 महिलाओं समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी।