मथुरा, 13 मई (हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही मस्जिद ईदगाह मामला मथुरा में तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को वादी महेंद्र प्रताप सिंह, मनीष यादव और दिनेश कौशिक ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दाखिल कर शाही मस्जिद ईदगाह परिसर का कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे और वीडियोग्राफी कराने की मांग की है। अदालत ने इन प्रार्थना पत्रों पर मूल वाद के साथ एक जुलाई को सुनवाई करने की तारीख तय की है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग करने वाले मनीष यादव और दिनेश कौशिक ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति की अदालत में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिया। इनमें कहा है कि शाही मस्जिद ईदगाह से प्राचीन शिलालेख, धार्मिक कलाकृतियां व अन्य साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं। इसलिए अदालत किसी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे और वीडियोग्राफी कराए। जिससे अदालत के सामने सच आ सके। अदालत ने दोनों प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख तय की है। दोनों के मूल वाद पर भी सुनवाई एक जुलाई को होनी है।
उधर, एक अन्य वाद में वादी महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा है कि शाही मस्जिद ईदगाह से साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं। अदालत ने इस पर दायर वाद की सुनवाई के लिए जुलाई की तारीख तय की है। इसलिए जरूरी है कि आज ही वाद पर सुनवाई की जाए, ताकि जो साक्ष्य मिटाए जा रहे हैं, उन्हें रोका जा सके। अदालत ने इस मामले में भी एक जुलाई की ही तारीख रखी है।
महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह मस्जिद मामले में 24 फरवरी 2021 को एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें वीडियोग्राफी कराने की और कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की थी। इसी मांग को लेकर उनके द्वारा नौ मई को अदालत में एक रिमाइंडर दाखिल किया गया था। उन्होंने बताया कि ईदगाह परिसर में कई ऐसे चिह्न हैं, जो मंदिर को मस्जिद में परिवर्तित करने के साक्ष्य हो सकते हैं। इन साक्ष्यों को प्रतिवादियों द्वारा लगातार नष्ट किया जा रहा है।
शाही मस्जिद ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव/ अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि ईदगाह परिसर की वीडियो ग्राफी कराने और कोर्ट कमिशनर नियुक्त करने के लिए अलग अलग तीन प्रार्थना पत्र अदालत में दिए गए हैं। हमने सभी प्रार्थना पत्रों की कॉपी अभी ली हैं। उनका अध्ययन करने और जवाब दाखिल करने के लिए हमने अदालत से समय मांगा था। अदालत ने हमारी प्रार्थना को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए एक जुलाई की तिथि निर्धारित की है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और ईदगाह से जुड़े मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश पर उन्होंने कहा कि वादी मनीष यादव खुद नहीं चाहते कि मामले का निस्तारण शीघ्र हो। वाद दायर करने के बाद वह खुद कभी अदालत में हाजिर नहीं हुए। अदालत की ऑर्डर शीट पर उनकी गैर हाजरी दर्ज हैं।