Narendra Singh Tomar : सरकार और यूएनडीपी के बीच हुए एमओयू से छोटे किसानों को होगा फायदा : तोमर

नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय और यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड–संशोधित ब्याज सहायता योजना (केसीसी-एमआईएसएस) के संबंध में आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ है। इससे छोटे किसानों को लाभ होगा।

तोमर ने गुरुवार को कृषि भवन में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि देश के छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल से यूएनडीपी के साथ यह साझेदारी चल रही है। जिसके अच्छे परिणाम के कारण साझेदारी को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया गया है। इससे किसानों को कृषि संबंधित वित्तपोषण और फसल बीमा के महत्व को समझने और उपयोग करने में भी सहायता होगी।

तोमर ने कहा कि पीएमएफबीवाई देश के किसानों के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच है, जिसका बड़ी मात्रा में किसानों को लाभ मिल रहा है। अभी तक किसानों ने प्रीमियम के रूप में लगभग 21 हजार करोड़ रुपये जमा कराए, जबकि फसलों के नुकसान की भरपाई के रूप में उन्हें 1.15 लाख करोड़ रु. का क्लेम दिया गया है। सरकार चाहती है कि कोई भी पात्र किसान क्लेम पाने से वंचित नहीं रहें, सभी बीमित किसानों को मुआवजा मिले। किसानों के हित में पीएमएफबीवाई को सरल भी किया गया है।

तोमर ने कहा कि केसीसी का लाभ भी छोटे किसानों को मिल रहा है और किसानों को अभी तक लगभग 16 लाख करोड़ रु. लोन के रूप में दिए गए हैं। कोरोना के संकटकाल में दो करोड़ से ज्यादा केसीसी बनाए गए हैं, कुल मिलाकर लक्ष्य यह है कि छोटे से छोटे किसानों को भी इसका लाभ मिले। पशुपालकों व मत्स्यपालकों को भी केसीसी योजना से जोड़कर लाभ दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि एमओयू पर पीएमएफबीवाई के सीईओ रितेश चौहान और यूएनडीपी की निवासी प्रतिनिधि शोको नोडा ने हस्ताक्षर किए। एमओयू के अनुसार यह साझेदारी कृषि ऋण और फसल बीमा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सहायता प्रदान करेगी और मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य संस्थानों को सूचना, शिक्षा, संचार सहायता और क्षमता विकास प्रदान करेगी।

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