नई दिल्ली, 12 मई (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप की वजह से रुपया आज रिकॉर्ड लो लेवल छू लेने के बावजूद अभी तक के सबसे निचले स्तर पर बंद होने का नया रिकॉर्ड बनाने से बच गया। रुपये ने आज के कारोबार में डॉलर की मांग में आई तेजी के कारण प्रति डॉलर 77.63 रुपये तक के स्तर को हिट कर दिया था लेकिन बाद में आरबीआई ने मुद्रा बाजार में डॉलर का फ्लो बढ़ाकर रुपये को न केवल और गिरने से बचा लिया बल्कि इसकी रिकवरी में भी काफी सहायक हुआ। आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण ही रुपया आज के सबसे निचले स्तर से 21 पैसे की रिकवरी करके 77.42 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद होने में सफल रहा।
इंटर बैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपये ने आज 24 पैसे की कमजोरी के साथ 77.49 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। कारोबार के शुरुआती दौर में ही भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से हो रही जोरदार बिकवाली के कारण भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग में काफी तेजी आ गई। जिसके कारण रुपये की कीमत लगातार टूटती चली गई। डॉलर की लगातार तेज हो रही मांग के कारण शुरुआती कारोबार में ही रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर नए रिकॉर्ड लो लेवल 77.63 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया।
डॉलर के मुकाबले 77.63 रुपया भारतीय मुद्रा का अभी तक सबसे निचला स्तर है। घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशक निवेशक आज अपना पैसा निकालने के लिए जितनी तेजी से बिकवाली कर रहे थे, उसके आधार पर रुपये के आज 78 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को भी पार कर जाने की आशंका बन गई थी। लेकिन रुपये के रिकॉर्ड लो लेवल पर पहुंचते ही भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को सपोर्ट करने के लिए मुद्रा बाजार में डॉलर का फ्लो बढ़ा दिया, जिसकी वजह से रुपये की गिरावट तो थमी ही, इसकी स्थिति में काफी कुछ सुधार भी हुआ। आरबीआई के सपोर्ट के कारण रुपये ने आज ओपनिंग लेवल से भी 7 पैसे ऊपर उठकर 77.42 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया।
इस संबंध में मार्केट एनालिस्ट मयंक मोहन का कहना है कि इंटरनेशनल क्रूड ऑयल मार्केट में लगातार बन रही विषम परिस्थितियों, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण तमाम कमोडिटीज की आपूर्ति में हो रही कमी और भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार हो रही बिकवाली और अपना पैसा निकालने के कारण बने दबाव की वजह से मुद्रा बाजार में रुपये पर भी लगातार दबाव बना हुआ है।
मयंक मोहन के मुताबिक देश की नजर फिलहाल खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर टिकी रहने वाली है। उम्मीद की जा रही है की खुदरा महंगाई दर लगातार चौथे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के की ओर से निर्धारित लक्ष्य (कंफर्ट जोन) से ऊपर बनी रह सकती है। अगर ऐसा ही हुआ तो रुपये पर और भी दबाव बढ़ सकता है, जिसके कारण आने वाले दिनों में रुपये के 80 रुपये प्रति डॉलर के लो लेवल पर जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।