Rupee : रुपये ने कमजोरी का नया रिकॉर्ड बनाया, 60 पैसे गिरकर बंद हुआ रुपया

नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। निराशाजनक वैश्विक माहौल के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर अपने पैसे की भारतीय बाजार से निकासी करने के कारण रुपये ने आज गिरावट का नया रिकॉर्ड बना दिया। रुपया आज पहली बार डॉलर के मुकाबले गिरकर 77 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। डॉलर की मांग में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी के कारण रुपया आज 60 पैसे की गिरावट के साथ 77.50 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ।

इसके पहले पिछले कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को रुपये ने डॉलर के मुकाबले 55 पैसे का गोता लगाकर 76.90 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार का अंत किया था। आज रुपये में प्रति डॉलर 60 पैसे की और गिरावट आ गई। इस तरह लगातार दो कारोबारी दिनों में ही डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 1.15 रुपये की कमजोरी आ चुकी है।

मुद्रा बाजार में रुपये ने आज 23 पैसे की कमजोरी के साथ 77.13 रुपये प्रति डॉलर के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। शुरुआती 2 घंटे के कारोबार में ही डॉलर की मांग में तेजी आ जाने के कारण रुपया फिसलते हुए 77.52 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया। हालांकि बाद में डॉलर की मांग में कुछ कमी आने के कारण रुपया 2 पैसे सुधर कर प्रति डॉलर 70.50 के स्तर पर बंद हुआ।

जानकारों का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था पर इन दिनों एक साथ कई कारक प्रभाव डाल रहे हैं। ये कारक ही भारतीय मुद्रा बाजार पर अलग अलग वजह के रूप में असर डाल रहे हैं, जिसके कारण रुपये की कीमत में लगातार कमजोरी आ रही है। इन वजहों में मोटे तौर पर भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की ओर से हो रही जोरदार बिकवाली, अमेरिकी फेडरल रिजर्व तथा दूसरे कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी, दुनिया भर में लगातार बढ़ रही महंगाई और रूस तथा यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण बनी वैश्विक तनाव की स्थिति को गिना जा सकता है।

एक साथ इतने कारकों के प्रभावी हो जाने की वजह से विदेशी निवेशक तेजी से अपने पैसे की निकासी कर रहे हैं, जिसके कारण भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग तेज हो गई है। इसके साथ ही वही अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगाई बढ़ने खासकर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के काफी महंगा हो जाने की वजह से भारतीय आयातकों को भी बड़े पैमाने पर डॉलर की आवश्यकता हो रही है। इस वजह से भी भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर डॉलर भी रुपये की तुलना में लगातार महंगा होता जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर वैश्विक परिस्थितियों में जल्दी ही सुधार नहीं हुआ, तो रुपये पर दबाव और बढ़ जाएगा। ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में रुपये की कीमत और भी अधिक गिर सकती है।

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