नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। व्यवहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन हैं। ऐसे में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग (एमडीएनआईवाई) ने एक बार फिर तिहाड़ जेल से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इससे पहले 2018 में एमडीएनआईवाई ने ‘संजीवन’ शुरू किया था। जिसमें लगभग 200 कैदियों को “योग के मास्टर ट्रेनर” के रूप में प्रशिक्षित किया गया और उन्हें प्रमाण पत्र भी जारी किया था।
इसके अलावा करीब 15 हजार कैदियों को योग फाउंडेशन कोर्स में प्रशिक्षण दिया गया था। तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने बताया कि 11 मई से तीनों जेलों में बंद तमाम कैदियों को योग की क्लास देना शुरू कर दिया जाएगा। इसमें तिहाड़ जेल में बंद कैदी, मंडोली एवं रोहिणी जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदी शामिल होंगे। इसके लिये एमडीएनआईवाई ने 14 प्रशिक्षक दिये है।
प्रत्येक दिन एक प्रशिक्षक कैदियों को योगा की ट्रैनिंग देंगे। डीजी के अनुसार, तिहाड़ के जेल में करीब 16 हजार से ज्यादा कैदी बंद हैं। इन्हें योग प्रशिक्षित करने के लिए सबसे पहले वर्ष 2018 में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग की मदद से प्रोजेक्ट संजीवन शुरू किया गया था। जिसके तहत दो सत्र आयोजित किए गए थे।
मार्च से जून तक चले पहले सत्र में एक हजार कैदियों को प्रशिक्षित किया गया था, जिसमें 46 प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित हुए। वहीं सितंबर 2019 से जनवरी 2020 तक हुए दूसरे सत्र में 31 कैदियों को प्रशिक्षकों के तौर पर प्रशिक्षित किया गया था।
प्रत्येक बेच में 50 से 100 कैदी होंगे शामिल
डीजी के अनुसार, कैदियों की संख्या को देखते हुए बेच बनायें जायेंगे। प्रत्येक बेच में 50 से 100 कैदी शामिल होंगे। इन्हें 15 से एक माह तक योग कराया जायेगा। जेल प्रशासन का कहना है कि योग के माध्यम से कैदियों के सुधार व पुनर्वास की कोशिश की जा रही है। इससे उनके भीतर शारीरिक व मानसिक सुधार भी होगा।