नई दिल्ली, 09 मई (हि.स.)। जमात-ए-इस्लामी हिन्द के जरिए राजधानी दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें कई देशों के राजदूतों के अलावा विभिन्न धर्मों के गुरुओं के साथ राजनीतिक एवं समाजिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भी शिरकत की। इस मौके पर अमीर जमात-ए-इस्लामी हिन्द सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी कहा है कि हम सब एक ईश्वर के बंदे हैं, हम सब का ईश्वर एक ही है और सारे इंसान एक मां-बाप की संतान हैं और सब बराबर हैं। यही इस्लाम का मूल संदेश है और ईद-उल-फितर इसी संदेश का प्रतिनिधित्व करती है।
अमीर-ए-जमात ने कहा कि आज हमारे देश में मानव समानता के संदेश की सबसे अधिक जरूरत है। इंसान को बांटना, उनके बीच नफरत को बढ़ावा देना, ये किसी भी मज़हब का संदेश नहीं हो सकता। बंटवारा कैंसर के कोशिका की तरह से है जो बढ़ता ही चला जाता है और शरीर को नष्ट कर के ही रुकता है। किसी समाज में जात-पात, भाषा एवं क्षेत्र और धर्म एवं समुदाय की बुनियाद पर इंसानों को बांटना आरंभ करता है तो फिर यह रुकता नहीं है। हर गंभीर नागरिक की ज़िम्मेदारी है कि वह बंटवारे के इस सिलसिले को रोकने के लिए आगे बढ़े। यही ईद-उल-फितर का असल संदेश है और इसी संदेश को लेकर हमने आज आप सबको यहां जमा होने के लिए आमंत्रित किया है।
ईद मिलन का यह प्रोग्राम कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों में जुड़े लोगों ने भाग लिया। मेहमानों में फलस्तीन के राजदूत अदनान अबुल हिजा, ईरान के राजदूत डॉक्टर अली चंगेजी, तुर्की दूतावास से हेड ऑफ दि मिशन फिरत सुनेल और अमरीका दूतावास के कल्चरल एटैची शामिल थे।
अमीर-ए-जमात इस्लामी हिन्द ने अपने संदेश में कहा कि हम सब विभिन्न धर्मों के मानने वाले, विभिन्न वर्गों से संबेध रखने वाले, विभिन्न भाषाओं के बोलने वाले और देश के विभिन्न हिस्सों से सम्बंध रखने वाले एकजुट होकर इस देश को एकीकृत रखने और नफरत और सांप्रदायिकता जैसे अभिशाप से बचाने की चिंता करें। ईश्वर इस ईद-उल-फितर को देश में शांति स्थापित करने का एक माध्यम बनाए।