नागपुर, 08 मई (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईआईएम नागपुर न केवल एक शिक्षा संस्थान बल्कि विद्यार्थियों के जीवन के बेह़तर बनाने वाला केंद्र भी होगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि नागपुर आईआईएम का माहौल छात्रों को न केवल रोजगार खोजने में बल्कि रोजगार प्रदान करने में भी सक्षम बनाएगा।”
राष्ट्रपति कोविंद यहां रविवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नागपुर के नए भवन और परिसर के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि नागपुर आईआईएम महिलाओं की उन्नति में योगदान देगा। यही सावित्रीबाई फुले और आनंदीबाई जोशी की धरती को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। नागपुर आईआईएम देश का पहला शिक्षा संस्थान है, जिसकी बिल्डिंग विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित है।
राष्ट्रपति ने कहा कि नागपुर देश के संविधान के जनक डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का दीक्षा स्थल भी है। महाराष्ट्र हमेशा से सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक विकास का केंद्र रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्य मंत्री नितिन राउत, मंत्री सुभाष देसाई और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 साल पहले विश्वस्तरीय जनशक्ति बनाने के लिए आईआईएम की संख्या बढ़ाने का फैसला किया था। महाराष्ट्र में आईआईएम नागपुर में बनाने का निर्णय लिया गया। फडणवीस ने कहा कि इस संस्थान के लिए 150 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन किया और आज राष्ट्रपति इसका उद्घाटन कर रहे हैं।
इस मौके पर मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि आज महाराष्ट्र के विकास के उस सपने की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है, जिसकी कल्पना बालासाहेब ठाकरे ने की थी। देसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागपुर आईआईएम के लिए राज्य सरकार से आवश्यक सहायता देने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है।
आईआईएम नागपुर का शानदार कैंपस
दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक माने जाने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान, नागपुर का पहला सत्र जुलाई 2015 में शुरू हुआ था। चूंकि उस समय इसका अपना भवन नहीं था, इसलिए विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) के परिसर में आईआईएम की कक्षाएं शुरू हुईं। नागपुर के मिहान क्षेत्र में 132 एकड़ भूमि पर आईआईएम नागपुर के भव्य परिसर का निर्माण किया गया है। निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है। वर्तमान में 132 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस भवन में प्रबंधन के विभिन्न विषयों में अध्ययनरत 665 छात्र रहते हैं। छात्रों के लिए अन्य सुविधाएं भी अच्छी गुणवत्ता की हैं। 2015 में शुरू हुए इस संगठन को अब इस नए परिसर के कारण एक नया जीवन मिला है।
परिष्कृत कक्षाएं
आईआईएम नागपुर में 20 हाई-टेक क्लासरूम और 24 ट्रेनिंग सेंटर हैं। इसके अलावा 400 सीटों वाला कन्वेंशन सेंटर बनाया गया है। लक्ष्य निर्धारण का संदेश देने के प्रयास में नए भवन के प्रांगण में धनुर्धर अर्जुन की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। आईआईएम नागपुर ने दुनियाभर के अग्रणी संगठनों के साथ भागीदारी की है और विदेशों से ऑनलाइन मार्गदर्शन प्रदान करता है। समाज के कमजोर वर्गों के लिए यहां मेरिट स्कॉलरशिप और नीड कम मेरिट स्कॉलरशिप दो तरह की सुविधाएं हैं।
वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी
देश का दिल नागपुर आईआईएम बिजनेस और मैनेजमेंट कोर्स के नक्शे पर है। आईआईएम की इंग्लैंड, अमेरिका, कनाडा, जापान, डेनमार्क, फ्रांस में विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों के साथ भागीदारी है। इनमें इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी ऑफ लिली फ्रांस, वेस्टमिंस्टर बिजनेस स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर इंग्लैंड, यूनिवर्सिटी ऑफ मेम्फिस, यूएसए, इंस्टीट्यूट माइन्स टेलीकॉम, फ्रांस, कॉफिनहेगन बिजनेस स्कूल हैं।