सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 137 दिन से आदेश न आना न्यायिक प्रक्रिया का मजाक
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में आदेश लंबित होने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 137 दिन से आदेश नहीं आया। यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित को 86 केस में जमानत मिल चुकी है और एक मामला रुका हुआ है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 11 मई तक के लिए टालते हुए कहा कि हाई कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। ज़रूरी हुआ तो आदेश देंगे।
आजम खान की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिर्फ एक मामले में उनकी जमानत याचिका लंबित है। हाई कोर्ट में साढ़े चार महीने से ज्यादा समय पहले फैसला सुरक्षित होने के बावजूद अभी तक फैसला नहीं आया है। हाई कोर्ट ने 4 दिसंबर 2021 को आजम खान की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 08 फरवरी को आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था जहां पहले से जमानत याचिका लंबित है। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से आजम खान की जमानत याचिका का निस्तारण जल्द करने को कहा था। 02 साल से जेल में बंद आजम खान ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि 10 अगस्त 2021को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पैन कार्ड में फर्जीवाड़े के एक मामले में जमानत दिया था लेकिन दूसरे मामलों की वजह से आजम खान जेल में बंद हैं।