कोलकाता, 4 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को कलकत्ता हाई कोर्ट में बुधवार को असहज परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। मेट्रो डेयरी घोटाला मामले में ममता बनर्जी की सरकार का पक्ष रखने पहुंचे चिदंबरम को कांग्रेस समर्थित वकीलों ने घेर लिया और गो बैक के नारे लगाए। कांग्रेस सेल के अधिवक्ता कौस्तव बागची के नेतृत्व में वकीलों ने चिदंबरम को घेरकर नारेबाजी की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्य में मेट्रो डेयरी घोटाले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई है जिस पर बुधवार को सुनवाई थी।
ममता सरकार का पक्ष रखने के लिए पी चिदंबरम पहुंचे थे लेकिन कोर्ट में उनके जाने से पहले ही कांग्रेस समर्थित अन्य अधिवक्ताओं ने उन्हें घेर लिया। इनमें महिला अधिवक्ता भी थीं, जिन्होंने पी चिदंबरम को काले झंडे दिखाए और गो बैक के नारे लगाए। महिला ने चिदंबरम को तृणमूल कांग्रेस का दलाल करार दिया जबकि कौस्तव बागची ने कहा कि आपके जैसे लोगों की वजह से कांग्रेस की बदहाली है और कार्यकर्ताओं के भावनाओं को ठेस पहुंचा है। यह लोग बार-बार अधिवक्ता पी चिदंबरम के सामने तो कभी दाएं बाएं पहुंच जा रहे थे। बड़ी मुश्किल से जूनियर वकीलों और पी चिदंबरम की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें सुरक्षित कार तक पहुंचाया। इसका वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि विरोध कर रहे कांग्रेस के अधिवक्ता पी चिदंबरम को घेर कर उन्हें ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस का दलाल कह रहे हैं। कांग्रेस समर्थित अधिवक्ता आरोप लगाते सुनाई दे रहे हैं कि तुम्हारे जैसे नेताओं की वजह से कांग्रेस का बेड़ा गर्क हुआ है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हो। चिदंबरम को काला झंडा दिखाने वाली महिला अधिवक्ता कहती दिख रही है कि दलाली की हद होती है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पी चिदंबरम चुप रहे और कुछ भी नहीं कहा है।
कौस्तव बागची ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पी चिदंबरम आज के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट में ममता सरकार का पक्ष रखने के लिए नहीं आएंगे। जिस महिला अधिवक्ता ने उन्हें काले झंडे दिखाए हैं और उन्हें भला-बुरा कहा है उनका नाम सुमित्रा नियोगी है। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह काफी एग्रेसिव हैं और अपना कोर्ट खोलकर पूर्व मंत्री की ओर दौड़ रही हैं। बमुश्किल सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें चिदंबरम से दूर किया।
आरोप है कि ममता सरकार ने मेट्रो डेयरी सरकारी उपक्रम को कौड़ियों के दाम कवेंटर्स एग्रोटेक नाम की एक निजी कंपनी को बेच दिया, जिसे बाद में उस कंपनी ने विदेशी संस्था को कई गुना ऊंची कीमत में बेचकर बड़ा मुनाफा कमाया है।