नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम न्यूज चैनल मीडिया वन के प्रसारण पर लगी रोक को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र को और समय दे दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र को 4 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय चाहती है लेकिन आगामी छुट्टियों की वजह से हम उन्हें चार हफ्ते का समय दे रहे हैं। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट से सीलबंद न्यायशास्त्र करने के मामले पर फैसला करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी के मामले में गुवाहाटी हाईकोर्ट में भी सीलबंद लिफाफा दाखिल किया गया, इसलिए इस मामले पर फैसला किया जाना जरूरी है।
15 मार्च को कोर्ट ने मीडिया वन के प्रसारण पर लगी रोक को अंतरिम रूप से हटा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि चैनल को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट चैनल से साझा किया जाए या नहीं, इस पर बाद में फैसला किया जाएगा। सुनवाई के दौरान चैनल की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि चैनल पिछले 11 सालों से चल रहा है। चैनल का लाइसेंस दस वर्षों का था। लाइसेंस समाप्त होने दो महीने के बाद केंद्र सरकार ने प्रसारण की अनुमति बढ़ा दी थी।
मीडिया वन चैनल ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 10 मार्च को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और दुष्यंत दवे ने कहा था कि मीडिया वन न्यूज चैनल पिछले 11 साल से प्रसारण कर रहा है। इस चैनल में करीब साढ़े तीन सौ कर्मचारी काम करते हैं। रोहतगी ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में सीलबंद लिफाफे की रिपोर्ट के आधार पर फैसला किया।
दुष्यंत दवे ने कहा था कि इस चैनल के ढाई करोड़ दर्शक हैं। इस चैनल को केंद्र सरकार ने 2019 में डाउनलिंक करने की अनुमति दी थी। पिछले 2 मार्च को केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था। केंद्र ने 31 जनवरी को चैनल पर रोक लगाई थी।