नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूस को भारतीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने का नेतृत्व कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) करेगा। राजधानी दिल्ली में बुधवार को आयोजित बैठक में देशभर के 50 से ज्यादा शीर्ष व्यापारी नेताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया।
कारोबारी संगठन कैट ने जारी एक बयान में कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय उत्पादों का निर्यात दुनिया के अन्य देशों में बढ़ाने के दृष्टिकोण के तहत यह निर्णय लिया है। कैट ने कहा कि रूस में निर्यात को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करेगा, जो यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के रूस पर प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न हुआ है। बता दें कि रूस सरकार समर्थित कई कंपनियों ने भारतीय सामानों की खरीद-फरोख्त के लिए कैट से संपर्क किया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के शीर्ष कारोबारी नेताओं के साथ बैठक में रूस में व्यापार के पर्याप्त अवसरों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सिर्फ एफएमसीजी और प्रसंस्कृत खाद्य श्रेणियों में मौजूद संपूर्ण व्यापार का अवसर 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का है। अगर हम गारमेंट्स, फुटवियर, फार्मा और अन्य श्रेणियों को इससे जोड़ते हैं, तो यह अवसर बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि रूस के साथ अमेरिका का 5.8 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात कारोबार पूरी तरह बंद है, जिसका फायदा भारत उठा सकता है।
खंडेलवाल ने कहा मौजूदा वक्त में कि पी एंड जी, नेस्ले, यूनिलीवर और कई अन्य बड़ी अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों का व्यापार रूस में प्रतिबंध लगने की वजह से बंद हो गया है। इसी तरह यूरोप के अन्य देशों ने भी रूस के साथ कारोबार करना बंद कर दिया है, जो भारतीय व्यवसायियों के लिए रूस में एक बड़ा अवसर और बाजार भी है। कैट महामंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच लेन-देन रुपया-रूबल व्यापार तंत्र के तहत की जाएगी, जिसे रूसी सेंट्रल बैंक और आरबीआई के बीच स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा देशों के बीच परेशानी मुक्त व्यापार प्रवाह के लिए सरकार समर्थित रूसी बैंकों के तत्वावधान में भारत में एक खरीद यानी व्यापार गृह स्थापित किया जा रहा है। यह भारत में निर्यातकों और रूस में आयातकों के लिए एकल खिड़की इकाई के तौर पर काम करेगा।
कैट महामंत्री ने कहा कि रूस में कारोबार करने वाले भारतीय निर्यातकों के लिए भुगतान नियम और शर्तें बहुत आकर्षक हैं। हमें सख्त गुणवत्ता नियंत्रण उपाय की जरूरत है। रूस में व्यापारिक समूहों के सभी खरीद सरकार समर्थित बैंकों का समर्थन है। रूस में बड़े खुदरा समूह जिनके पास हजारों सुपर और हाइपर मार्केट हैं, वे भारत से बड़ी संख्या में सामानों को खरीदकर अपने मार्केट्स में रखेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत से निर्यात की जाने वाली सामानों की सूची बहुत लंबी है। इसमें एफएमसीजी, प्रसंस्कृत और असंसाधित खाद्य पदार्थ, चाय, कॉफी, फार्मा, वस्त्र, इनरवियर, सौंदर्य प्रसाधन, मशीन स्पेयर पार्ट्स, जूते आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रूस में भारतीय आयुर्वेदिक उत्पादों की भारी मांग है। खंडेलवाल ने कहा कि सभी श्रेणियों में भारतीय ब्रांडों की गुणवत्ता चीनी ब्रांडों की तुलना में बेहतर है। ऐसे में जैसे ही दोनों देश की सरकार भुगतान तंत्र की स्थापना की घोषणा करती है, व्यापार प्रवाह शुरू हो जाएगा।