Piyush Goyal : आयुर्वेद को विज्ञान के साथ जोड़ रहा है पतंजलि : पीयूष गोयल

हरिद्वार, 03 मई (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पतंजलि इस स्तर पर शोध और अनुसंधानात्मक कार्यों में संलग्न है। यह देखकर आयुर्वेद और पंतजलि के शोध का समझा जा सकता है। साथ ही इसे यहां आयुर्वेद को विज्ञान के साथ जोड़ा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह बात मंगलवार को पतंजलि अनुसंधान संस्थान में सीसीआर लैब, पतंजलि रिसर्च लैब, जड़ी-बूटी आधारित हर्बेरियम कलेक्शन और कैनवास पेंटिंग का अवलोकन करने के बाद कही।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने कहा कि यहां आने से पहले कल्पना नहीं कि थी कि पतंजलि इस स्तर पर शोध और अनुसंधानात्मक कार्यों में संलग्न है। हमारी पारंपरिक मेडिसिन, हमारे भारत के इतिहास व परंपराओं को पुनर्जीवित करने का अहम कार्य स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने किया है। यहां कार्यरत डॉक्टर्स, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ताओं की पूरी टीम जिस प्रतिबद्धता के साथ इन विषयों को लेकर आगे बढ़ा रहे हैं, उससे अब विश्व में आयुर्वेद की पहचान वैज्ञानिक मापदण्डों पर होगी।

उन्होंने कहा कि विज्ञान और पारंपरिक मेडिसिन को जोड़ते हुए आगे कैसे बढ़ा जाएगा, इसके लिए यहां पर बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहे हैं। सैकड़ों वर्ष पुरानी पाण्डुलिपियों के संक्षरण एवं पुनः प्रकाशन के कार्य को देखकर उन्होंने पतंजलि को साधुवाद दिया। उन्होंने यहां पर पौधरोपण भी किया। गोयल ने आचार्य बालकृष्ण की दो शोधपरक पुस्तकों का भी विमोचन किया।

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि देश का सबसे बड़ा संस्थान है जो वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद पर शोध में संलग्न है। हम 65 हजार औषधीय पौधों की डॉक्यूमेंटेशन के साथ-साथ करीब साढ़े चार लाख रेफरेंस, दो हजार से ज्यादा ट्राइब्स पर कार्य किया है। हमने पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों के संदर्भ में ऐसी कोई चीज नहीं छोड़ी जो उपलब्ध न हो।

कार्यक्रम में पतंजलि अनुसंधान संस्थान की वैज्ञानिक-ई डॉ. वेदप्रिया आर्य और आईटी प्रमुख कविंदर ने शोध व टेक्नोलॉजी कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल चौहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पतंजलि की ओर से क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, डॉ. ऋषि आर्य, जड़ी-बूटी वैज्ञानिक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव और डॉ. राजेश आदि लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *