नई दिल्ली, 01 मई (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने रविवार को कहा कि इंडोनेशिया में खाद्य तेलों के निर्यात पर प्रतिबंध का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देश के उद्योगों का कहना है कि वर्तमान में सभी खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता है और कुल 21 लाख मिट्रिक टन का स्टॉक है। वहीं 12 लाख मिट्रिक टन तेल रास्ते में है और इसी महीने पहुंचने वाला है। वहीं देश में सोयाबीन और सरसों के तेल के उत्पादन में पिछले साल से अधिक उत्पादन की संभावना है।
सरकार का कहना है कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कीमत और उपलब्धता की स्थिति की निगरानी कर रहा है और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए घरेलू खाद्य तेल की कीमतों और एमआरपी में और कमी पर चर्चा करने के लिए प्रमुख खाद्य तेल प्रसंस्करण संघों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक उत्पादन में कमी और निर्यातक देशों द्वारा निर्यात कर या लेवी में वृद्धि के कारण खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतें दबाव में हैं। आयातित कुल खाद्य तेलों का लगभग 62 प्रतिशत पाम तेल (कच्चा परिष्कृत) है और यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है। वहीं सोयाबीन तेल (22 प्रतिशत) अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है और सूरजमुखी तेल (15 प्रतिशत) मुख्य रूप से यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।
सरकार का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमतों पर दिन-प्रतिदिन के आधार पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इसका मकसद समय पर खाद्य तेल की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए उचित उपाय करना है। सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर रहें और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो।