कुशीनगर, 28 अप्रैल (हि.स.)। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट एकल उड़ान तक सिमट कर रह गया है। एविएशन कंपनी स्पाइस जेट ने एयरपोर्ट के उद्घाटन के वक्त कुशीनगर से दिल्ली, मुंबई एवं कोलकाता तक नियमित विमान सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। लोगों ने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना के औचित्य पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
पिछले साल बीस अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। उस समय केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने पर अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने और 24 नवंबर से कुशीनगर से दिल्ली और 18 दिसंबर को कुशीनगर से मुंबई एवं कोलकाता तक नियमित उड़ान सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। मंत्री की घोषणा की विमानन कंपनी ने ट्वीट कर पुष्टि भी कर दी। कंपनी ने 24 नवंबर के बजाए 26 नवंबर को दिल्ली के लिए उड़ान शुरू कर दी। वर्तमान में यह उड़ान नियमित है। कुशीनगर से कोलकाता के लिए कंपनी ने चार दिन (27-30 मार्च) विमान का प्रचालन कराया। पुनः एक सेवा स्थगित कर दी, जो अभी भी स्थगित है।
मुंबई उड़ान सेवा के लिए कम्पनी ने 10 जनवरी से टिकटों की बुकिंग शुरू की, लेकिन बाद में यात्री न मिलने के कारण बुकिंग निरस्त कर दी गई। कोविड-19 से स्थिति सामान्य होने के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा में ढील मिली है। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया या विमानन कंपनियों समेत सरकार के स्तर पर कोई हलचल नहीं है।
एयरपोर्ट के निदेशक एके द्विवेदी ने कहा कि एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार है। तकनीकी और आधारभूत संसाधन की कोई कमी नहीं है। उड़ान का निर्णय सरकार के स्तर पर तय होना है। पहल की जा रही है।
बुद्ध पीजी कॉलेज कुशीनगर के पूर्व प्राचार्य डॉ. डीएस तिवारी का कहना है कि एयरपोर्ट एक मेगा प्रोजेक्ट है। इसकी स्थापना तभी सार्थक सिद्ध होगी जब यहां से सुदूर जगहों से नियमित उड़ान हो। नियमित उड़ान न केवल पर्यटन बल्कि कृषि, चिकित्सा, रोजगार सभी क्षेत्रों पर प्रभाव डालती है। सरकार को जल्द से जल्द उड़ानों की संख्या बढ़ानी चाहिए।