नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालयों में आगामी सत्र के लिए कक्षा एक में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र 6 साल तय किए जाने के नियम के खिलाफ दायर याचिका बुधवार को खारिज कर दी। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने का आदेश दिया।
याचिका एक नाबालिग छात्र रियानिश रविंद्र श्रीपाद के पिता ने दायर की थी। दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 11 अप्रैल को अपने फैसले में केंद्रीय विद्यालयों में आगामी सत्र के लिए कक्षा एक में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र 6 साल तय किए जाने के नियम के खिलाफ दायर याचिका खारिज की थी। सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ कई याचिकाकर्ताओं ने डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटाया था। डिवीजन बेंच ने भी याचिकाकर्ताओं की याचिका खारिज कर दी थी।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने हाईकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा था कि कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक होनी चाहिए। कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र पांच साल से बढ़ाकर छह साल करने से शिक्षा के अधिकार कानून का कोई उल्लंघन नहीं होता है।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा पांच से बढ़ाकर छह साल और अधिकतम आयु सीमा सात से बढ़ाकर आठ साल करने के आदेश का बचाव करते कहा था कि ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है। केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर केंद्रीय विद्यालय को लागू करना अनिवार्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पैराग्राफ 4.1 के मुताबिक 5 3 3 4 का प्रावधान किया गया है। इसके तहत तीन से आठ साल तक फाउंडेशन चरण होगा। पहला तीन साल आंगनवाड़ी या प्री-स्कूल का, दो साल प्राइमरी स्कूल का जैसे कक्षा एक से दो तक।