भोपाल, 27 अप्रैल (हि.स.)। राज्य में नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेन्टिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) का प्रयोग करना शुरू कर दिया गया है। मध्य प्रदेश के जिला सिवनी में थाना कुरई में एनएएफआईएस के जरिए एक अज्ञात शव की पहचान की गई। इसके साथ ही मध्य प्रदेश देश में इस सिस्टम का प्रयोग करने वाला पहला प्रदेश बन गया है। इस प्रणाली से अपराधियों की पहचान भी आसानी से हो सकेगी।
दरअसल, एनएएफआईएस भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत देश के सभी राज्यों में एनएएफआईएस के वर्कस्टेशन स्थापित किए गए हैं। अब राष्ट्रीय डाटाबेस से अंगुली चिन्ह के आधार पर अपराधियों की पहचान तथा घटनास्थल से प्राप्त अज्ञात अपराधियों के चांस प्रिंट का मिलान किया जा सकेगा। इससे मिनटों में ही अपराधियों की पहचान हो सकेगी।
राज्य के सिवनी जिले के थाना कुरई में ग्राम रैयाराव के जंगल में अज्ञात का शव पड़ा होने की सूचना 24 अप्रैल को मिली थी। वन रक्षक की रिपोर्ट पर थाना कुरई पर मर्ग पंजीबद्ध कर जांच शुरू की गई। मृतक की पहचान के लिए अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ रितु उईके ने अज्ञात शव की अंगुल चिन्ह स्लिप स्पून विधि से तैयार की गयी। शव 24 घंटे पूर्व का होने से अकड चुका था। ऐसी स्थिति में पुरानी विधि में डॉक्टर ने चर्म पोर निकाल कर दस अलग-अलग शीशियों में प्रिज़र्वेटिव में रखकर मिलान के लिए विशेषज्ञ के पास भेजे जाते थे। स्लिप को अंगुल चिन्ह विशेषज्ञ जिला सिवनी ने उसी दिन जिले के एनएएफआईएस वर्कस्टेशन में स्लिप के आधार पर जिला उज्जैन के थाना माकडोंन में 2017 में चोरी के प्रकरण में गिरफ्तार आरोपित ईश्वर सिंह पुत्र करन सिंह निवासी लसुडिया अमरा हाल मुकाम नागपुर के रूप में पहचान हो गई।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य हो गया है जहां एनएएफआईएस के आधार पर अज्ञात मृतक की पहचान हुई है। एनएएफआईएस अपराधी और व्यक्तिगत पहचान करने का विश्वसनीय साधन है। मध्यप्रदेश में एनएएफआईएस अ.म.नि. रा.अ.अ.ब्यूरो चंचल शेखर की सतत् निगरानी में काम कर रहा है।