नई दिल्ली, 27 अप्रैल (हि.स.)। हजार साल से भी अधिक पुराने ऐतिहासिक अनंग ताल को जल्दी ही राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है। दिल्ली के संस्थापक राजा अनंग पाल तोमर द्वारा 1052 ई. में निर्मित मिनी झील अनंग ताल को संरक्षित करने की पहल की जा रही है। बुधवार को संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ऐतिहासिक अनंगताल का दौरा किया और इसके हालात पर नाराजगी जताई। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इस ताल के जीर्णोद्धार करने के साथ-साथ इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के निर्देश जारी किए।
इसके साथ डीडीए से उन्होंने डीडीए से अनंगताल के पुराने गौरव को वापस लाने और हेरिटेज स्थल की सफाई का काम जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिए।
क्या है अनंग ताल का इतिहास
अनंग ताल का राजस्थान से एक मजबूत संबंध है। महाराजा अनंग पाल को पृथ्वीराज चौहान के नाना थे। जिनका किला राय पिथौरा एएसआई की सूची में है। अनंग ताल आज कूड़े के ढेर में बदल गया है। अनंग पाल तोमर के पूर्वजों का जुड़ाव महाभारत काल के पांडवों तक जाता है। इस क्षेत्र के इतिहास से पता चलता है कि अनंग पाल द्वितीय ने धिल्लिकापुरी की स्थापना की थी जो बाद में चल कर दिल्ली बन गई।