नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक केएन गोविंदाचार्य ने कहा है ग्लोबल पॉलिटिक्स में अपनी अहम् भूमिका निभाने के लिए दुनिया की समझ बहुत जरूरी है। ऐसे में भारत में कमसे-कम 20 थिंक टैंक स्थापित करना चाहिए।
गोविंदाचार्य ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन समय अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। दुनिया के देशों के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। ऐसे में भारत दुनिया में अपनी भूमिका निभा सके इसके लिए दुनिया के देशों पर अध्ययन के लिए कमसे-कम 20 थिंक टैंक स्थापित किए जाने चाहिए। विश्व को समझने के लिए हमें अपनी नॉलेज पावर को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को इस विषय पर पहल करनी चाहिए।
गोविंदाचार्य ने कहा कि मानव केंद्रित भौतिक विकास से भारत में पिछले 60 सालों में 50 फीसदी जैव विविधता नष्ट हो चुकी है। अब मानव केंद्रित विकास की जगह प्रकृति केंद्रित विकास को अपनाने की जरूरत है। जिसमें जल, जंगल, जमीन, जानवर का जन के साथ तालमेल हो सके। उन्होंने कहा कि आगामी 10 वर्षों का कार्ययोजना अभी से तैयार किया जाना चाहिए। जिसमें जमीन का मिशन,जल मिशन,जंगल मिशन और जैव विविधता का मिशन शामिल हो। इन मुद्दों पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से जल की उपलब्धता कम हो रही है। हमें अभी से सजग होने की जरूरत है। सरकार और समाज को मिलकर हर न्याय पंचायत में कमसे-कम चार जलाशयों का निर्माण कराना चाहिए। नदियों को बचाने के लिए समाज और सरकार को आगे आना होगा। हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए मिशन मोड़ में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के न्याय पालिका को मजबूत करने की जरूरत है। 10 लाख की आबादी पर कमसे-कम 50 जज होने चाहिए। जिससे कोर्ट में लंबित सभी मामले 10 वर्षों में समाप्त हो सकें।