नई दिल्ली, 26 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खेती को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए किसानों को प्रयोगधर्मी बनना होगा। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) सहित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने अनेक अनुसंधान किए हैं, जो भारतीय कृषि को सतत आगे बढ़ा रहे हैं। किसानों को अपनी कृषि भूमि पर इन अनुसंधानों का प्रयोग करते हुए बीजों की नई विकसित किस्मों का उपयोग करना चाहिए।
तोमर ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से ‘‘किसानों की भागीदारी, प्राथमिकता हमारी‘‘ अभियान को संबोधित करते हुए कहा कि कि केंद्र सरकार छोटे किसानों को बड़ा बनाने के लिए अनेक योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर कार्य कर रही है। मंत्री ने कहा कि केवीके और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (एटीएमए) विकसित प्रौद्योगिकियों को किसान समुदाय तक ले जाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। केवीके कृषि प्रगति में अग्रणी हैं, जिनका किसानों से सीधा संपर्क रहता है।
तोमर ने कहा कि वर्ष 2021-22 में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र के उत्पादों का निर्यात लगभग चार लाख करोड़ रु. हुआ, जिसमें किसानों का योगदान सराहनीय है। किसानों के अथक परिश्रम, वैज्ञानिकों की कुशलता और सरकार की किसान हितैषी नीतियों के सद्परिणाम सामने आ रहे हैं और किसानों की आमदनी भी सतत बढ़ रही है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में 25 से 30 अप्रैल तक ‘‘किसानों की भागीदारी, प्राथमिकता हमारी‘‘ अभियान, किसान समुदाय को मजबूत करने के लिए समर्पित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों व अन्य कृषि संस्थानों में कृषि मेलों के साथ-साथ किसानों के हितों को लेकर चर्चाएं आयोजित की जा रही हैं।