Allahabad High Court : योगी के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले पर एक लाख का हर्जाना

प्रयागराज, 25 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ को पक्षकार बनाकर जनहित याचिका दाखिल करने वाले व्यक्ति पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाकर याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि याची हर्जाना की रकम 6 सप्ताह के भीतर विकलांग आश्रम, जवाहरलाल नेहरू रोड, प्रयागराज के यहां जमा करे।

चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने नामह की तरफ से दाखिल जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याची दिल्ली निवासी ने याचिका दायर कर कोर्ट से मांग की थी कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई नाम लिखे जाते हैं। कई नामों के कारण प्रदेश की जनता के बीच संशय बना रहता है। चुनाव में नामांकन के समय आदित्यनाथ पुत्र अवेद्यनाथ लिखा गया, जबकि चीफ सेक्रेटरी के ट्विटर हैंडल पर महेंद्र योगी आदित्यनाथ जी महाराज लिखा है। कहीं अजय सिंह बिष्ट तो कहीं आदित्यनाथ योगी इस प्रकार कई नामों की वजह से जनता के बीच नामों को लेकर दुविधा की स्थिति बनी रहती है। मांग की गई थी कि कोर्ट सरकार को सही नाम ही लिखने का निर्देश जारी करे।

याचिका का विरोध करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि जनहित याचिका पोषणीय नहीं है। आदित्यनाथ को प्राइवेट कैपेसिटी से पक्षकार बनाया गया है। इस कारण किसी प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ याचिका पोषणीय नहीं है। याची ने हाई कोर्ट रूल्स के मुताबिक अपना क्रेडेंशियल स्पष्ट नहीं किया है। इस कारण भी याचिका खारिज किए जाने योग्य है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि याची ने सस्ती लोकप्रियता के उद्देश्य से जनहित याचिका दाखिल की है। इस कारण यह खारिज किए जाने योग्य है। याचिका में आदित्यनाथ के अलावा चुनाव आयोग, भारत सरकार, चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश को भी पक्षकार बनाया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *