नई दिल्ली, 25 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वो कोर्ट के न्यायिक उपयोग के लिए ए4 साइज के पेज को दोनों ओर प्रिंट कर उपयोग करने की मांग पर विचार करें। कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने रजिस्ट्रार जनरल से इस संबंध में 12 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में ए4 साइज के पेज को दोनों ओर प्रिंट कर उसका उपयोग हो सकता है तो हाईकोर्ट में क्यों नहीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार और विधि मंत्रालय को निर्देश दिया कि वे सभी हाईकोर्ट में भी इस संबंध में सर्कुलर जारी करें, ताकि कागज की कम हानि हो और पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संबंध में चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि पेजों को स्कैन करते समय समस्या आ सकती है क्योंकि स्कैन करते समय एक पेज निकाला जाता है और तब दूसरा डाला जाता है। पेज के दोनों ओर प्रिंट करते समय भी समस्या आ सकती है। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पेज के दोनों ओर प्रिंट की अनुमति दे सकती है तो हाईकोर्ट में इसे क्यों नहीं अपनाया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का 5 मार्च 2020 का सर्कुलर भी कोर्ट को सौंपा, जिसमें पेज के दोनों ओर प्रिंट की अनुमति देने की बात कही गई है। उसके बाद कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और केंद्र सरकार के वकील से कहा कि आप निर्देश लें क्योंकि जब सुप्रीम कोर्ट में ऐसा किया जा सकता है तो हाईकोर्ट में क्यों नहीं।
याचिका सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमेटिक चेंज नामक संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि भले ही हाईकोर्ट ने ए4 साइज के पेपर का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है लेकिन पेज को दोनों ओर प्रिंट करने के सुझाव पर अमल नहीं किया गया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने एक अप्रैल 2021 से हाईकोर्ट और निचली अदालतों में ए4 साइज के पेपर के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।