Amit Shah: पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रखने के लिए टेक्नोलॉजी बहुत जरूरी: अमित शाह

– केन्द्रीय गृह मंत्री ने भोपाल में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा

-एनएएफआईएस आने से डेढ़ मिनट में फिंगर प्रिंट से होगी अपराधियों की पहचान

भोपाल, 22 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अब अंग्रेजों के जमाने वाली डंडामार पुलिस नहीं चलेगी। अब नॉलेज, सबूत और तर्कपूर्ण पुलिसिंग जरूरी है। पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहना है, इसके लिए टेक्नोलॉजी बहुत जरूरी है। कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को भी टेक्नो फ्रेंडली होना होगा। यह सिस्टम तभी ऑपरेट हो सकता है, जब आपके थाने के अंदर की ट्रेनिंग का ये हिस्सा हो। पुलिस की उपस्थिति ही लॉ एंड ऑर्डर को अच्छा रख सकती है। बीट की पेट्रोलिंग, चाहे दस ही लोग निकलें, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण संतोष लोगों के बीच खड़ा कर देती है।

गृह मंत्री शाह शुक्रवार को यहां भोपाल प्रवास के दौरान पुलिस अकादमी (सीएपीटी) में आयोजित 48वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भोपाल में फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे।

शाह ने पुलिस विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम एक बहुत ही कठिन काल से गुजरे हैं। सदी की सबसे भीषण जानलेवा बीमारी का सामना देश ने किया है। दुनिया में लाखों लोगों की मौत हुई है। कोरोना के समय में देशभर में लगभग 4 लाख से अधिक पुलिस कर्मी संक्रमित हुए, 27 सौ से ज्यादा की मौत भी हुई है।

उन्होंने कहा कि सीएपीटी जैसी मीटिंग्स के जरिए कुछ राज्य मिलकर अपने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं। एक जैसे अपराध के लिए समान नीति बना सकते हैं। देशभर के सामने चुनौतियां हैं, जैसे- ड्रग्स, हवाला, साइबर फ्रॉड, इन चैलेंज्स पर भी विचार-विमर्श किया जा सकता है। डाटा नया विज्ञान है और बिग डाटा में सभी समस्याओं का समाधान है, इसे देशभर की पुलिस को अपनाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था हम टेक्नलॉजी मिशन के माध्यम से करना चाहते हैं। इससे देश का बहुत बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि देश में जल्द ही एक नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) सेवा भी लाने वाले हैं। इसके माध्यम से जैसे ही अपराधी के फिंगर प्रिंट कम्प्यूटर में डालेंगे, वह डेढ़ मिनट के अंदर आपको नाम दे देगा। देशभर की पुलिस के पास पहले से करोड़ों लोगों का फिंगर प्रिंट का डेटा है।

कार्यक्रम में इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे पुलिस जवानों ने दो साल में 21 एकड़ जमीन मुक्त कराई। पिछले दिनों मप्र पुलिस ने तय किया कि विभिन्न श्रेणी के माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनमें सफेदपोश भी होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डायल 100 का रिस्पॉन्स टाइम इतना कम है कि इधर सूचना मिलती है, उधर हमारी पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाती है। हमने ऊर्जा महिला डेस्क की स्थापना की है। पुलिस बल हमारे पास एक लाख 26 हजार के आसपास है। ई-एफआईआर हमने शुरू की है। मुझे पूरा विश्वास है प्रधानमंत्री ने जिस स्मार्ट पुलिसिंग की बात की है, उसके लिए यह कॉन्फ्रेंस बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस मंथन से जरूर अमृत निकलेगा, मध्यप्रदेश पुलिस ने एक नहीं अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *