नोम पेन्ह (कंबोडिया), 22 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कंबोडिया के सम्राट नोरोडोम सिहामौनी से मुलाक़ात की। इस अवसर पर बिरला ने कहा कि भारत कंबोडिया के बीच आर्थिक एवं व्यापारिक सहयोग भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, भारत-आसियान सहयोग ढांचा, भारत-सीएलएमडब्ल्यूबी सहयोग और मेकांग-गंगा सहयोग पर आधारित है। उन्होंने सम्राट को बताया कि इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग को और अधिक बढ़ाना है।
बिरला ने सिहामौनी से बातचीत में कहा कि वर्ष 2022 भारत-वियतनाम दोनों देशों के लिए विशेष है, क्योंकि वर्ष 1952 में हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद सात दशक पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा की सात दशक के संबंधों में भारत ने कंबोडिया की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमेशा अपना समर्थन एवं सहयोग दिया है। बिरला ने सम्राट को याद दिलाया कि भारत कंबोडिया को खमेररौज के पश्चात् मान्यता देने वाला पहला लोकतांत्रिक देश था, जो यह दर्शाता है कि हमारे संबंध कितने प्रगाढ़ हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कम्बोडिया हमारी ‘एक्ट ईस्ट’नीति और आसियान के साथ और अधिक आर्थिक सहयोग के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
यह रेखांकित करते हुए कि भारत और कंबोडिया के व्यापारिक संबंध अपने क्षमता के अनुरूप विकसित नहीं हो पाए हैं, बिरला ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में हुई वृद्धि को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है तथा व्यापारिक सहयोग के नए क्षेत्रों को सामने लाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए दोनों देशों के व्यापारिक संघों के बीच निरंतर चर्चा संवाद होना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने कंबोडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसने सदैव संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत का समर्थन किया है, जिसमें आसियान के भीतर समर्थन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के लिए हमारी उम्मीदवारी का समर्थन शामिल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सहयोग बहुपक्षीय मंचों पर जारी रहेगा। ये विचार व्यक्त करते हुए कि आसियान विश्व के सबसे प्रभावशाली आर्थिक ग्रुप में एक है, उन्होंने कम्बोडिया को आसियान की अध्यक्षता मिलने पर बधाई दी और आश्वासन दिया कि भारत वर्ष 2022 में कंबोडिया की आसियान की अध्यक्षता को सफल बनाने में पूर्ण समर्थन और सहायता देगा ।
कंबोडिया नेशनल असेम्बली के प्रेसीडेंट हेंग सैमरिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग हमारे सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को एक और नया आयाम देता है। बिरला ने आशा व्यक्त की कि नियमित द्विपक्षीय वार्ताओं से न केवल दोनों देश और संसदों के बीच घनिष्ठता बढ़ेगी बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संपर्क और सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। कंबोडिया किंगडम के सीनेट के प्रेसीडेंट सई छुम से मुलाक़ात के दौरान बिरला ने प्रसन्नता व्यक्त की कि नेशनल असेंबली और सीनेट में भारत-कंबोडिया संसदीय मैत्री समूह का गठन हो चुका है। उन्होंने सूचित किया कि भारत की संसद भी मैत्री समूहों का गठन कर रही है ताकि हमें एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलने में मदद मिल सके।
इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ने स्वर्गीय राजा फादर नोरोडोम सिहानोक को श्रद्धांजलि अर्पित की और कंबोडिया को मुक्त करने में उनकी उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने स्वतंत्रता स्मारक पर भी माल्यार्पण किया और कंबोडिया के स्वतंत्रता सेनानियों और युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल वियतनाम की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पूरी कर आज नोम पेन्ह (कंबोडिया) पहुंचा।