Governor : विश्व बांग्ला व्यापार शिखर सम्मेलन के मंच पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच चले राजनीतिक बयानों के तीर

कोलकाता, 20 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार के दो दिवसीय विश्व बांग्ला व्यापार शिखर सम्मेलन (बीजीबीएस) के मंच पर भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच मतभेद दिखे।बुधवार को शिखर सम्मेलन में राज्य के सभी बड़े औद्योगिक घरानों के प्रमुखों के अलावा दुनियाभर के 42 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर औद्योगिक घरानों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

विश्व बांग्ला व्यापार शिखर सम्मेलन का आगाज राज्यपाल जगदीप धनखड़ के संबोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम और उद्योग की संभावनाओं पर बल दिए जाने की जमकर सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बंगाल में उद्योग के लिए बेहतर माहौल तभी होगा, जब राज्य सरकार विपक्षी दलों को परस्पर सहयोग और मेलजोल की भावना साथ लेकर चलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अगर कानून का शासन और बेहतर तथा मजबूत हो तो यह निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाने में मददगार साबित होगा।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इशारे-इशारे में राज्य में एकनायकवाद चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि व्यक्ति केंद्रित व्यवस्था किसी भी निवेश अथवा औद्योगिक माहौल के लिए बेहतर नहीं होती। उन्होंने कहा कि निवेश के लिए कई सारी महत्वपूर्ण शर्तें हैं, जिसमें राजनीतिक स्थिरता, दायित्वशिलता, स्वच्छ प्रशासन और कानून का शासन बरकरार रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार खासकर मुख्यमंत्री को इस पर विशेष तौर पर ध्यान देना होगा।

सम्मेलन में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार राजनीतिक बयानों के तीर छोड़े। ममता ने कहा कि राज्यपाल सर, आपने जो बहुत ही बढ़िया संबोधन दिया है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार। आपने सहयोग की जो बातें कही हैं, उसके लिए भी धन्यवाद। लेकिन राज्यपाल सर आप के जरिए मैं एक बात कहना चाहती हूं, आप बुरा मत मानिएगा। मैं सभी उद्योगपतियों की तरफ से यह बात कह रही हूं कि हम लोग केंद्र सरकार से हर तरह की सहायता चाहते हैं। आप राज्यपालों के कांफ्रेंस में भी यह बात कहिएगा और यह भी कहिएगा कि प्लीज उद्योगपतियों को केंद्रीय एजेंसियों के जरिए नहीं डराया जाए।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना संकट के दो सालों के बाद व्यापार शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ है। वैसे तो राज्य में इसके पहले चार ऐसे आयोजन हो चुके हैं लेकिन बहुत अधिक निवेश राज्य में नहीं आया है।