लाहौर, 19 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईश निंदा का आरोप लगाकर भीड़ द्वारा श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या करने और शव को जला देने के मामले में कोर्ट ने छह लोगों को मौत की सजा सुनाई है। आतंकवाद रोधी अदालत, लाहौर ने साथ ही सात अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 67 अन्य संदिग्धों को दो-दो साल की सजा सुनाई है।
लाहौर में उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर बंद कमरे में दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई करने वाली न्यायाधीश नताशा नसीम ने संदिग्धों की उपस्थिति में यह फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने हालांकि, नौ किशोर संदिग्धों के बारे में फैसला नहीं सुनाया, जिनके खिलाफ सुनवाई अभी पूरी होनी बाकी है।
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने प्रांतीय राजधानी लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर सियालकोट में एक कपड़ा कारखाने पर हमला किया था। जानकारी के मुताबिक भीड़ ने कारखाने के 47 वर्षीय महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा को ईशनिंदा के आरोप में कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था और उसका शव जला दिया था। इस घटना को लेकर पूरे पाकिस्तान में हर वर्ग द्वारा व्यापक आक्रोश जताया गया था और इसकी निंदा की गई थी। इसके साथ ही अपराधियों को जल्द सजा दिए जाने की मांग भी की गई थी।
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने इस मामले में 12 मार्च को 89 लोगों को आरोपित किया था। पुलिस द्वारा दाखिल चालान के अनुसार आरोपितों में से 80 लोग बालिग और नौ लोग नाबालिग थे। इस मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना की पूरे पाकिस्तान में कड़ी निंदा हुई थी और अपराधियों को जल्द से जल्द दंडित किए जाने की मांग उठी थी।
इस पूरे मामले पर इंटरनेट मीडिया पर पाकिस्तान के लोगों का जमकर गुस्सा फूटा था। तब लोग इमरान सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साध रहे थे। विवाद बढ़ता देख इस वारदात पर तत्कालीन पीएम इमरान खान ने ट्वीट कर कहा था कि ‘सियालकोट की फैक्टरी में हमला व श्रीलंकाई नागरिक को जिंदा जलाया जाना बेहद खौफनाक है। यह पाकिस्तान के लिए शर्मनाक दिन है। मैं खुद जांच की निगरानी कर रहा हूं। दोषियों को सख्त सजा दिलवाई जाएगी।