नई दिल्ली, 18 अप्रैल (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अडिग है। मोर्चे ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि देश भर के किसानों ने 11 से 17 अप्रैल तक एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाया। पूरे सप्ताह देश भर में सैकड़ों विरोध, प्रदर्शन, बैठकें, सम्मेलन, सेमिनार और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर देश भर के किसान एकजुट हैं।
एसकेएम के पदाधिकारियों ने कहा कि सभी राज्यों में एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग के समर्थन में कार्यक्रमों के साथ एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाया गया। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, यानी व्यापक लागत (सी 2) का डेढ़ गुना, किसान आंदोलन की प्रमुख मांगों में से एक थी, और जिसकी चर्चा केंद्र सरकार की ओर से एसकेएम को दिनांक 09 दिसंबर, 2021 के अपने पत्र में में किए गए आश्वासनों में से एक थी। एसकेएम द्वारा एमएसपी पर समिति के बारे में स्पष्टीकरण के लिए बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, इसकी संरचना, इसके कार्यकाल और इसके संदर्भ की शर्तों के बारे में, सरकार जवाब देने में विफल रही है।
ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा केन्द्रीय कृषि कृषि मंत्री से आग्रह करता है कि वह जल्द से जल्द सरकार का स्पष्टीकरण भेजें ताकि मोर्चा तय कर सके कि इस समिति में भाग लेना है या नहीं। एसकेएम ने पहले कहा था कि वह समिति और उसके एजेंडे के बारे में स्पष्टता के बिना समिति में शामिल नहीं होगा। एमएसपी गारंटी सप्ताह के समापन के साथ ही किसानों ने अब एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए लंबा आंदोलन शुरू करने का संकल्प ले लिया है।