Indian Navy : भारतीय नौसेना ने दक्षिण अफ्रीका के नौसैनिक अधिकारियों को दिया तीन सप्ताह का प्रशिक्षण

– ओशियन सेलिंग नोड (ओएसएन) गोवा के आईएनएस मंडोवी पर चला प्रशिक्षण कैप्सूल

– प्रशिक्षुओं को 20 दिनों के प्रशिक्षण में 10 दिन बंदरगाह और समुद्री चरण शामिल किये गए

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय नौसेना ने नौकायन पोत आईएनएसवी तारिणी पर दक्षिण अफ्रीका के नौसैनिक अधिकारियों को तीन सप्ताह का प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण कैप्सूल भारतीय नौसेना के ओशियन सेलिंग नोड (ओएसएन) गोवा के आईएनएस मंडोवी पर आयोजित किया गया। पोत आईएनएसवी तारिणी ने ही सितंबर, 2017 से मई, 2018 तक नौसेना की सभी महिला चालक दल के साथ दुनिया की परिक्रमा की थी।

रक्षा मंत्रालय (नौसेना) के एकीकृत मुख्यालय पर भारतीय नौसेना नौकायन संघ (आईएनएसए) प्रशिक्षण के संबंध में सर्वोच्च संगठन है। भारतीय नौसेना ने दक्षिण अफ्रीका गणराज्य नौसेना (आरएसएएन) के अधिकारी प्रशिक्षुओं (उप लेफ्टिनेंट) के लिए यह प्रशिक्षण आईएनएसए के तत्वावधान में 28 मार्च से 16 अप्रैल तक गोवा के ओशियन सेलिंग नोड (ओएसएन) में आयोजित किया था। तीन सप्ताह तक प्रशिक्षण कैप्सूल उसी नौकायन पोत आईएनएसवी तारिणी पर चला, जिसने सितंबर, 2017 से मई, 2018 तक सभी महिला चालक दल के साथ दुनिया की परिक्रमा करने का गौरव हासिल है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल के अनुसार 20 दिनों के प्रशिक्षण में 10 दिनों के बंदरगाह और समुद्री चरण शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक में नौकायन सिद्धांत और समुद्री सॉर्टी के पहलुओं को शामिल किया गया था, जिसमें रात की उड़ानें भी शामिल थीं। समुद्र में नाव चलाना अत्यंत चुनौतीपूर्ण गतिविधि है जिससे न केवल जोखिम लेने की क्षमता बढ़ती है बल्कि जहाज पर नाविक, नेविगेशन, संचार और तकनीकी संचालन सहित आवश्यक कौशल को भी बढ़ाता है। इस प्रकार प्रशिक्षण का उद्देश्य भाग लेने वाले दल के लिए रोमांच की भावना को बढ़ावा देना और ओशियन में दो मित्र राष्ट्रों के बीच संबंधों को मजबूत करना था। प्रशिक्षण का उद्देश्य अपरिभाषित ‘समुद्री भावना’ और प्रकृति के तत्वों के प्रति सम्मान पैदा करना है, जो सुरक्षित और सफल समुद्री यात्रा से अविभाज्य हैं।

तीन सप्ताह का प्रशिक्षण खत्म होने के बाद कमांडर मधवाल का कहना है कि भारतीय नौसेना भविष्य में इस तरह के और अधिक ओशियन सेल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय नौसेना का मानना है कि इन जहाजों पर प्रशिक्षण नवोदित नौसेना अधिकारियों के बीच साहस, सौहार्द और एस्प्रिट-डी-कॉर्प्स के मूल्यों को प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका है।

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