मुंबई, 14 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम जैसी सरकारी पहल से इस क्षेत्र को फायदा हो रहा है। इससे आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में दवा उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुंबई में इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडीएमए) की हीरक जयंती के उपलक्ष्य में ‘इंडियन फार्मा-ग्लोबल हेल्थ केयर’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंडाविया ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम जैसी सरकारी पहल से इस क्षेत्र को फायदा हो रहा है। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से सरकार ने फार्मास्यूटिकल्स के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करके आयात को कम करने की कोशिश की है। पीएलआई योजना ने भारत में 35 से अधिक उत्पादों का उत्पादन शुरू किया है।
उन्होंने फार्मास्युटिकल क्षेत्र को अगले 25 वर्षों के लिए योजना तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने हीरक जयंती मनाने के लिए इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को आवश्यक समर्थन देने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। सरकार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 में संशोधन करके और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देकर उद्योग की मदद कर रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार गरीब समर्थक, किसान समर्थक है और इस बात पर जोर देती है कि यह उद्योग के अनुकूल भी है। फार्मा क्षेत्र के योगदान को याद करते हुए मंत्री ने कहा कि भारतीय फार्मा उद्योग ने भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में संदर्भित होने का सम्मान अर्जित किया है। सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को लाभ कमाने वाले उद्योग के रूप में नहीं देखती है। जब हम दवाओं का निर्यात करते हैं, तो हम इसे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की मनोवृत्ति के साथ करते हैं। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान भारत ने 125 देशों को दवाओं की आपूर्ति की।
इस मौके पर भारत के औषधि महानियंत्रक डॉ. वीजी सोमानी, केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. मंदीप कुमार भंडारी, आईडीएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विरांची शाह, आईडीएमए हीरक जयंती आयोजन समिति के अध्यक्ष भरत शाह, महेश दोशी, आईडीएमए के महासचिव मेहुल शाह उपस्थित थे।