-एक करोड़ से बनकर तैयार हुआ यूपी का पहला मशरूम उत्पादन केंद्र
-अत्याधुनिक केंद्र में प्रतिदिन एक कुंतल मशरूम का होगा उत्पादन
-किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार की विशेष पहल
मीरजापुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में मीरजापुर जिले के राजगढ़ के बघौड़ा में एक करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश का पहला वातानुकूलित मशरूम उत्पादन केंद्र बनकर तैयार हो गया है। इस वातानुकूलित एवं अत्याधुनिक केंद्र पर प्रतिदिन लगभग एक कुंतल मशरूम का उत्पादन हो सकेगा। मीरजापुर अब मशरूम उत्पादन का हब बनेगा। इस केंद्र से पूर्वांचल में मशरूम की मांग पूरी हो सकेगी। वातानुकुलित होने के कारण केंद्र में वर्षभर मशरूम का उत्पादन होगा।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को परंपरागत खेती के साथ ही मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार का उद्देश्य किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाना भी है। अत्याधुनिक वातानुकूलित उत्पादन केंद्र में बटन मशरूम की खेती की जाएगी। यहीं से किसानों को मशरूम के स्पान अर्थात बीज भी मुहैया कराया जाएगा। किसानों को रोग-कीटों से बचने, कम्पोस्ट बनाने का सही तरीका भी बताया जाएगा।
राजगढ़ के बघौड़ा निवासी युवा किसान उदय प्रताप सिंह ने बीएससी कृषि की पढ़ाई करने के बाद नौकरी की बजाए स्वरोजगार करने का निर्णय लिया। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम के प्रोत्साहन से वातानुकूलित एवं अत्याधुनिक केंद्र स्थापित कर रहे हैं। बटन मशरूम ग्रीन हाउस तकनीक द्वारा उगाया जाएगा। बटन मशरूम का उत्पादन 20 किग्रा प्रति वर्ग मीटर से अधिक है।
उदय प्रताप सिंह ने बताया कि उत्पादन केंद्र आरंभ होने पर लगभग एक कुंतल मशरूम प्रतिदिन पैदा होगा। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्तमान समय में इसकी कीमत 100 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम है। मशरूम में लगभग 70 रुपये प्रति किलो की दर से खर्च आता है। सबसे पहले बटन मशरूम का उत्पादन होगा।
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि मशरूम की खेती से किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं। ओईस्टर मशरूम की खेती बड़ी आसान और सस्ती है। इसमें दूसरे मशरूम की तुलना में औषधीय गुण भी अधिक होते हैं। कई राज्यों में ओईस्टर मशरूम की कृषि लोकप्रिय हो रही है। बटन मशरूम निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में अधिक उगाया जाता है, लेकिन अब ग्रीन हाउस तकनीक द्वारा यह हर जगह उगाया जा सकता है। सरकार द्वारा बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में इसका अच्छा उत्पादन हो रहा है।