आम्बेडकर जयंती पर लखनऊ में चार स्थानों पर स्वयंसेवकों ने किया पथसंचलन
लखनऊ, 14 अप्रैल (हि.स.)। भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा लखनऊ में चार स्थानों पर पथ संचलन किया गया ।
जीपीओ पार्क में लखनऊ दक्षिण भाग के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक मनोज ने कहा कि बाबा साहब डा. भीमराव आम्बेडकर के व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं हुआ। घोर अपमान सहने के बावजूद बदला लेने की भावना उनके मन में कभी नहीं आयी।
सह प्रान्त प्रचारक ने कहा कि डा. आम्बेडकर ने कहा था कि हम हिन्दुत्व को कभी नहीं छोड़ सकते। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि मैं सावरकर के हिन्दुत्व का समर्थक हूं। हिन्दू कोड बिल लाने का काम डा. भीमराव आम्बेडकर ने किया था। वामपंथियों का बहिष्कार करने की बात बाबा साहब ने कही थी।
लखनऊ दक्षिण भाग का पथ संचलन हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क से प्रारम्भ हुआ। जीपीओ पार्क से पथ संचलन विधान सभा के सामने से होते हुए बापू भवन चौराहा,बर्लिंगटन चौराहा,महाराणा प्रताप की मूर्ति के पास से स्टेशन रोड होते हुए विकासदीप पहुंचा। यहां से उदयगंज होते हुए क्लेस्क्वायर, योजना भवन और विधान सभा के पीछे से होते हुए जीपीओ पार्क पहुंचा। रास्ते में कई स्थानों पर स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा की गयी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, लखनऊ पश्चिम भाग का पथ संचलन राजाराम पार्क, निकट सफ़ेद बारादरी कैशरबाग से प्रारम्भ होकर नॉवेल्टी सिनेमा, नगर निगम मार्ग से अटल चौक (हज़रतगज चौराहा ) से मेफेयर तिराहा, परिवर्तन चौक होते हुए पुनः आरम्भ स्थल राजाराम पार्क पहुँच कर पूर्ण हुआ। लखनऊ पूरब भाग का पथ संचलन महानगर में सचिवालय कालोनी स्थित सीआईडी पार्क से निकाला गया। लखनऊ उत्तर भाग का पथ संचलन सेक्टर क्यू स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से प्रारम्भ हुआ।
लखनऊ के सह विभाग कार्यवाह बृजेश पाण्डेय ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने हमेशा देश को सर्वोपरि माना। अप्प दीपो भव के मूर्तिमान वह उदाहरण थे। उन्हें तिरस्कार मिला लेकिन बाबासाहब के मन में कोई कटुता नहीं। वे स्पस्ट रूप से कहते है- यदि मैं घृणा और बदले की भावना से कार्य करता तो पांच वर्ष में देश में तबाही ला देता पर मैं नहीं चाहता भारत का इतिहास मुझे विध्वंसक के रूप में याद करे।