नई दिल्ली, 11 अप्रैल (हि.स.)। डॉक्टरों पर मरीजों के परिजनों द्वारा हो रहे हमले की घटनाओं पर विश्व चिकित्सा संघ ने चिंता जाहिर की है। संघ के अध्यक्ष डॉ हाइडी स्टेंसमेरे ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने कहा कि मरीज का इलाज करने के दौरान मौत पर डॉक्टर को जिम्मेदार मानते हुए भारत के लॉ एनफोर्समेंट ऑफिसर डॉक्टर को ही कटघरे में खड़ा कर देते हैं और उनके खिलाफ हत्या जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लेते हैं। हाल ही में मरीज के परिजनों द्वारा मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर डॉ अर्चना की आत्महत्या करने जैसी घटनाओं को रोकने के साथ डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
डॉ हाइडी ने कहा कि यह बात ध्यान देने की है कि मरीज की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु होने पर इसकी जांच होनी चाहिए। पेशेवर तरीके से तथ्यों को सामने लाना चाहिए। अगर मेडिकल नेगलिजेंस है तो डॉक्टर के खिलाफ तय मानक के मुताबिक कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अगर मेडिकल कॉम्पलीकेशन की वजह से मरीज की मौत होती है तो इसके लिए डॉक्टर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती।