Delhi Police : पांच जनवरी, 2020 जेएनयू हिंसा मामला: जांच जारी, नहीं हुई एक भी गिरफ्तारी

नई दिल्ली , 11 अप्रैल (हि.स.)। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) बवाल कोई पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले वर्ष-2020 में पांच फरवरी को जेएनयू में हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) ने अबतक इस मामले में 80 से ज्यादा लोगों की भूमिका की जांच की है।

दोनों ही पक्षों की तरफ से दी शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। इस मामले को लेकर करीब दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन जांच अभी भी पूरी नहीं हो पाई है। वहीं इस मामले में किसी भी आरोपित की गिरफ्तार भी नहीं की जा सकी है।

जांच पूरी होने पर दायर होगी चार्जशीट

जबकि एसआईटी की टीम ने दोनों ही पक्षों के कई छात्र-छात्राओं से पूछताछ की। तमाम साक्ष्य एकत्र करने की कोशिश की। एफएसएल की टीम की मदद से कई जगहों से साक्ष्य जुटाने की औपचारिकताएं की गईं। लेकिन करीब दो साल की तमाम कवायद के बाद भी एसआईटी को वह साक्ष्य नहीं मिल पाया है, जिसके आधार पर किसी भी किसी आरोपित की गिरफ्तारी की जा सके।

अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक कुछ मामलों में अभी भी उसे कुछ संदिग्धों की भूमिका की जांच करना बाकी है तो कुछ मामलों में साक्ष्य एकत्र करने का काम अभी भी चल रहा है। जांच पूरी होते ही इस मामले में चार्जशीट दायरे की जाएगी।

अभी कुछ साक्ष्य की तलाश

सूत्रों के मुताबिक, जेएनयू मामले को लेकर जो भी वीडियो वायरल हुए या फिर जो वीडियो किसी के पास मिले, फुटेज के नाम पर सिर्फ इतना ही है। दरअसल जिन-जिन जगहों पर मारपीट की घटना हुई, उन सभी जगहों पर सीसीटीवी नहीं होने के कारण पुलिस को अभी भी कुछ और साक्ष्य का इंतजार है। हालांकि पुलिस ने लोगों की पूछताछ और जो भी मौके से जुटाए गए साक्ष्य के आधार पर अपनी तफ्तीश आगे बढ़ाई जरूर है, लेकिन अभी भी कुछ तथ्यों की जांच अभी जारी है।

कौन हैं एसआईटी जांच के दायरे में

वीडियो फुटेज में दिखाई देने वाले कुछ लड़कों को बुलाकर उनसे भी पूछताछ की गई, जिसके आधार पर कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया गया, ताकि पूरे घटनाक्रम का सही ब्यौरा स्पष्ट हो सके। लेकिन कई मिसिंग लिंक तक पुलिस अबतक नहीं पहुंच पाई, जिसके आधार पर पूरी कड़ियां जोड़ी जा सकें। जांच के दायरे में वीडियो में दिखाई देने वाले लोगों के अलावा वे शामिल हैं, जिनपर सर्वर रूप में तोड़फोड़ से लेकर पेरियर हॉस्टल में मारपीट और फिर साबरमती हॉस्टल और इसके बाद नर्मदा हॉस्टल सहित आसपास के इलाके में जो घटना हुई थी।

जांच से जुड़ीं अहम बातें

-जेएनयू हिंसा मामले में छात्र, सुरक्षा गार्ड समेत कुल 37 लोग घायल हुए थे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।

-हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। इसमें से दो जेएनयू प्रशासन की तरफ से आई शिकायतों पर मामला दर्ज किया गया, जबकि एक मामला पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया।

-हिंसा को लेकर पुलिस ने पेरियार हॉस्टल के समीप स्थित बैंक सहित आसपास के वायरल वीडियो फुटेज की जांच की है।

-अबतक इस मामले में 80 लोगों की भूमिका की पुलिस ने जांच की है। इसमें पुलिस ने घटना के दौरान बनाए गए दो संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप की भी पहचान की है।

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