Dharmendra Pradhan: उत्तराखंड के 40 लाख छात्रों को नई शिक्षा नीति का लाभ मिलेगा : धर्मेन्द्र प्रधान

देहरादून, 09 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्रीय शिक्षा उद्यमिता विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को शिक्षा का हब बनाएगी बनाएगी। प्रधान ने कहा कि हालांकि उत्तराखंड पहले से ही शिक्षा का केन्द्र है। प्रधान उत्तराखंड प्रवास पर शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह, रविन्द्र जुगरान, सुभाष बड़थ्वाल, ज्योति प्रसाद गैरोला, अनिल गोयल समेत तमाम वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

मीडिया से बातचीत करते हुए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखंड का केन्द्रीय हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय गढ़वाल अपनी पहचान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के तीन वर्ष की आयु से 23 वर्ष तक आयु के 40 लाख विद्यार्थियों के लिए भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसमें तमाम नई व्यवस्थाएं हैं और जहां कुछ कमी रह गई है, उन व्यवस्थाओं को पूर्ण किया जा रहा है।भारत में 40 केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं जो केन्द्र द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

प्रधान ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता सुधारना हमारा नैतिक दायित्व है ताकि शिक्षा के माध्यम से हमारे युवा रोजगार और स्वरोजगार के माध्यम से सेवायोजित होते रहें। विश्वविद्यालयों के लिए एक विशेष व्यवस्था सीयूजी लागू की गई है। इसके प्रारंभ होने से शिक्षा को और मजबूत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा यूं तो राज्यों का विषय है, लेकिन केन्द्र सरकार इस संदर्भ में विशेष व्यवस्था करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आपके सहयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर देश की जनता ने विशेषकर उत्तराखंड की जनता ने भरोसा जताया है। भारतीय जनता पार्टी की दोबारा उत्तराखंड में सरकार बनी है, इसके लिए उत्तराखंड की देवतुल्य जनता का आभार प्रदर्शन करता हूं। उन्होंने कहा कि भाजपा की उत्तराखंड में सरकार बनने से कई मिथक टूटे हैं।

प्रधान ने कहा कि वह कई चुनावों में कार्यकर्ता के रूप में उत्तराखंड आते रहे हैं और उनके यहां के लोगों से अच्छे संबंध है, इसीलिए उन्होंने फिलहाल मिलने के लिए यह प्रवास किया है। इस प्रवास में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डॉ. धन सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तथा प्रदेश कार्यालय के विशिष्टजनों से मिलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रवास में उन्होंने शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के साथ कुछ विशेष चर्चा की है। दो-ढाई माह बाद वह दुबारा आएंगे और इसकी समीक्षा करेंगे। उनका साफ कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और नरेन्द्र मोदी सरकार शिक्षा को विशिष्ट बनाना चाहती है। यह उनका और पूरे सरकार का प्रयास है। नई शिक्षा नीति इसी का महत्वपूर्ण अंग है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में जानकारी दी। इस व्यवस्था में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ सेवायोजन की भी व्यवस्था का काम भी किया जा रहा है। जून में मैं फिर आऊंगा तब इसकी रचना बन जाए। इस संदर्भ में समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोरोना के बाद जो बदलाव आए हैं, उन पर भी चर्चा-परिचर्चा की गई है। हम आने वाले दिनों में इस ढांचे को और ठीक करेंगे। हम पुराने अनुभव से सीखते हैं और व्यवस्था को चौक-चौबंद करेंगे।

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